भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पिछले तीन महीनों में प्रदेश में कोविड संक्रमण पर नियंत्रण सर्वोच्च प्राथमिकता में रहा। सभी मंत्रियों और अधिकारियों ने इस दिशा में पूर्ण समर्पण से कार्य किया और उसके सकारात्मक परिणाम आए। अब आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्य की दिशा में तेज गति से कार्य करना है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए रोडमैप तैयार है, गतिविधियाँ, उप गतिविधियाँ, आउटपुट और आउटकम आदि निर्धारित हैं। अब यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी लक्ष्य समय-सीमा में प्राप्त किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में मंत्रीगण, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

रोडमैप के लक्ष्यों की प्राप्ति समय-सीमा में सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के कारण प्रदेश में आर्थिक समस्या है, परंतु हमारी प्राथमिकता है कि आर्थिक परिस्थितियों के कारण विकास गतिविधियाँ और कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित न हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण रोडमैप के लक्ष्यों की प्राप्ति समय-सीमा में सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सोमवार को समीक्षा बैठकें आयोजित की जाए। इसमें मंत्री समूह के मंत्री लीड लें तथा अधिकारी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। इसी प्रकार विभिन्न मंत्री-समूहों द्वारा भी अपनी अनुशंसाएँ प्रस्तुत की गयी हैं। इनमें से जिन अनुशंसाओं के सम्बन्ध में बैठक में फैसला हो गया है, उनका क्रियान्वयन प्राथमिकता पर प्रारंभ करें। इन कार्यों में जहाँ भी नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता हो, वहाँ मामले को मंत्रि-परिषद के समक्ष लेकर आयें। जहाँ भारत सरकार से समन्वय या अंतर्विभागीय समन्वय की जरूरत हो, वहाँ मुख्यमंत्री सचिवालय या मुख्य सचिव के तत्काल ध्यान में लायें।

सड़कों,पुलों और भवनों का उचित संधारण हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने जिन भवनों, सड़कों, पुलों और अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण किया है, उनका उचित संधारण हो, ताकि इन संपत्तियों का लम्बे समय तक जनहित में उपयोग किया जा सके। वर्षा ऋतु के दौरान सड़कों की मरम्मत एवं संधारण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

भ्रष्टाचार की शिकायत न आये

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं में कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहे और अपात्र को किसी भी हालत में गलत तरीके से लाभ न मिले, ये सुनिश्चित करना होगा। ये सही है कि कोविड काल में कुछ योजनाओं के क्रियान्वयन में बजट की कमी के कारण कठिनाई आई है, लेकिन हमें हर हाल में यह सुनिश्चित करना है कि भ्रष्टाचार न हो। योजनाओं के क्रियान्वयन में अकर्मण्यता और निकम्मापन बर्दाश्त नहीं होगा।

अनावश्यक खर्चों में कमी लानी होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोविड-काल में सरकार के राजस्व में कमी आई है। ये कठिन समय है, इसलिए राजस्व अर्जन को बढ़ाने के पूरे प्रयास किये जायें। योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में जहाँ-जहाँ लीकेज और लापरवाही है, उसे दुरूस्त करना होगा, ताकि संसाधनों का सही उपयोग हो सके। दूसरी ओर हमें अनावश्यक खर्चों में कमी लानी होगी और जितना अधिक हो सके, मितव्यता बरतनी होगी। वित्तीय अनुशासन जितना अधिक होगा, उतने ही संसाधन बढ़ेंगे। जो कार्य हमने ठेकेदारों और एजेंसियों से करवाए हैं, उनका भुगतान प्राथमिकता पर किया जाये। ठेकेदारों के भुगतान अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रहने चाहिए। यह भ्रष्टाचार की जड़ है।

रोजगार के अवसर बढ़ायें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विभिन्न योजनाओं में भारत सरकार से अधिक से अधिक धनराशि प्राप्त करने का प्रयास करें। इसके लिए मंत्री एवं अधिकारी स्तर  पर लगातार केंद्र सरकार से संपर्क और संवाद बनाये रखें। सभी विभागों में नवाचार के प्रयास जारी रहें। प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाना है। निवेश बढ़ने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। अत: निवेश के लिए सहयोगी वातावरण के निर्माण और निवेश प्रोत्साहन के लिए आवश्यक गतिविधियाँ संचालित की जाएं।

स्थानान्तरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाये

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्थानांतरण से प्रतिबन्ध 31 जुलाई तक के लिए हटाया गया है। स्थानान्तरण में पूरी पारदर्शिता बरती जाये और नीति के अनुरूप प्रशासनिक और मानवीय आधार पर स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए स्थानान्तरण किये जायें। यह सुनिश्चित किया जाये कि किसी को कोई तकलीफ न हो।

सभी विभागों में सोशल मीडिया टीम सतर्क और सजग रहे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सभी विभागों में सोशल मीडिया टीम सजग, सतर्क और सक्रिय रहे। विभाग के संबंध में सोशल मीडिया पर चल रही गतिविधियों पर विभागीय अधिकारी नजर रखें। भ्रामक जानकारी का तत्काल खंडन और प्रतिवाद किया जाये। वास्तविक तथ्य और स्थिति को जनता के सामने लाया जाये। यदि विभाग की कोई कमी या गलती है तो तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाये। विभागीय गतिविधियों और उपलब्धियों की जानकारी भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हो।