पटना: बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के कुछ बयानों से उनके और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच का कथित ‘मतभेद’ कल रात हुई उनकी मुलाकात और बातचीत के बाद खत्म हो गया है।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने आज कहा कि मांझी के हाल के कुछ बयानों से उत्पन्न ‘मतभेद’ दोनों की मुलाकात और बातचीत के बाद खत्म हो गया। उन्होंने बताया कि नीतीश ने मुख्यमंत्री को अपने दायित्वों का निर्वहन अधिक ‘सजग और सावधान’ होकर करने का सुझाव दिया, ताकि किसी प्रकार का भ्रम पैदा नहीं हो और भाजपा को उसका राजनीतिक लाभ लेने का मौका नहीं मिल पाए।  

गत 6 नवंबर को आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की उपस्थिति के बावजूद 5 मंत्रियों की अनुपस्थिति और मौजूदा मुख्यमंत्री तथा पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच ‘मतभेद’ की चर्चाओं के बीच कल मांझी ने नीतीश के आवास जाकर उनसे मुलाकात की थी। यह पूछे जाने पर क्या मांझी आगामी 13 नवंबर से नीतीश की शुरू हो रही ‘संपर्क यात्रा’ में शामिल होंगे, उन्होंने कहा कि अगर वह व्यस्त सरकारी कार्यक्रमों में से समय निकालकर शामिल होना चाहेंगे तो वह स्वागत करेंगे।

उन्होंने कहा कि मांझी सर्वसम्मत नेता हैं और उन्हें नीतीश की पहल पर मुख्यमंत्री बनाया गया। वशिष्ठ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग इसको लेकर अपनी रोटी सेंक रहे थे, उनका भी पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने भाजपा को अपना घर संभालने की नसीहत दी और कहा कि वे जदयू के ‘मतभेद’ को बड़े पैमाने पर प्रचारित करना चाहते थे , लेकिन उनके मंसूबे पर पानी फिर गया है।