बैतूल जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर बघोली गांव में गैस सिलेंडर लीकेज होने से गांव के कोटवार के घर में आग लग गई। लकड़ी का घर होने से आग फैल गई। घटना के बाद ग्रामीणों ने बाल्टियों से पानी डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। उधर, सूचना के करीब एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड पहुंची, तब तक घर जल चुका था। हालांकि फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया, जिससे आसपास के घर चपेट में आने से बच गए।

हादसे में गांव के कोटवार कलाबाई का घर में रखा गृहस्थी का मकान खाक हो गया। गनीमत रही कि गैस सिलेंडर नहीं फटा। बैतूल बाजार पुलिस व तहसीलदार ने पहुंचकर पंचनामा बनाया।

खाना बनाने के लिए जलाई गैस, लगी आग: पूजा वामनकर (हादसे की चश्मदीद)

'मैं सोमवार शाम करीब 5.30 बजे घर पर अकेली थी। सास कलाबाई किसी शादी में, पति कृष्णा वामनकर काम करने गांव गए थे। बच्चे मोहल्ले में खेल रहे थे। मैंने खाना बनाने के लिए जैसे ही गैस चूल्हा जलाया। अचानक गैस नली में आग लग गई। मैंने बुझाने के लिए पहले गोदड़ी को गीला कर डाला और ऊपर से पानी डाला, लेकिन आग नहीं बुझी। धीरे-धीरे आग फैलने लगी। मैं दौड़कर बाहर घर से बाहर आई और पड़ोसियों को आवाज लगाई। इस पर पड़ोसी कमलेश, रूपेश व अन्य लोग आ गए। कुछ सेकेंड में ही आग तेजी से घर में फैल गई। लपटें बाहर निकल रही थीं। आग बुझाने के लिए गांव वाले पानी लेकर दौड़ने लगे। फायर बिग्रेड पहुंचने पर आग पर काबू पाया गया।

फायर ब्रिगेड आने में देरी करती तो बड़ी घटना हो जाती

पड़ोसी कमलेश वामनकर ने बताया, हमने घर से लगे तीन-चार मकानों में रखे गैस सिलेंडर को बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। फिर पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी। 7 बजे फायर ब्रिगेड टीम पहुंची जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। उन्होंने बताया सभी कच्चे मकान बने हैं। अगर सिलेंडर फटता और फायर ब्रिगेड देरी से आती, तो तीन-चार घर और जल जाते।