भोपाल । निगम-मंडलों के कर्मचारियों ने शासन और प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रदेश के निगम-मंडलों में सरकार अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पदों पर राजनीतिक नियुक्ति करने की तैयारी में है, वही, निगम-मंडलों के कर्मचारियों की समस्या को निरंतर अनदेखा किया जा रहा है। कर्मचारी नेता अनिल बाजपाई, अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री एवं प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारियों से आग्रह किया है कि निगम-मंडलों के कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों की भांति सभी निगमों में सहकारी संस्था विपणन संघ में सातवां वेतनमान लागू किया जाए। वर्तमान स्थिति में वेतनमान में भिन्नता है, कहीं चौथा, कहीं पांचवा, कहीं छठा, कहीं सातवां वेतनमान दिया जा रहा है। इसी प्रकार निगम मंडलों सहकारी संस्था विपणन संघो में भी सेवानिवृत्ति में एकरूपता नहीं है। कहीं 58 वर्ष में सेवा निर्वत किया जा रहा है तो कहीं 60 में तो कहीं 62 में।
जीएडी के निर्देशों का तत्काल लाभ नहीं
निगम मंडलों के कर्मचारियों की सबसे बड़ी जो जलन समस्या के साथ-साथ एक और समस्या जो है यह है कि शासकीय कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेशों के तहत तत्काल आर्थिक लाभ एवं अन्य लाभ प्राप्त हो जाते हैं। परंतु निगम-मंडलों के कर्मचारियों को यह लाभ तत्काल नहीं मिलते हैं। इसके लिए संचालक मंडल एवं अन्य तरह की अनुमति सहमति का हवाला दिया जा कर बाधा पैदा की जाती है।
कई सुविधाएं कर दी बंद
वाजपेयी ने कहा कि जिस तरह शासन के कर्मचारियों को एक ही आदेश के तहत समग्र रूप से सुविधा उपलब्ध होती है वह सभी सुविधा उसी तरह उसी आदेश के साथ निगम-मंडलों के कर्मचारियों को प्राप्त हो। पूर्व में निगम-मंडलों के कर्मचारियों को दीपावली बोनस भी प्राप्त होता था, परंतु अब यह सुविधा भी बंद कर दी है। कर्मचारियों को गल्ला एडवांस भी दिया जाता था यह सुविधा भी बंद की गई है। उन्होंने मांग की है कि ज्वलंत समस्या का अति शीघ्र निदान हो वरना कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
राजनीतिक नियुक्ति से पहले समस्याओं का हो निदान
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