न्यूयॉर्क । जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी से तटीय क्षेत्रों के निवासियों पर खतरा मंडरा रहा है। साल 2100 तक यानी 79 साल में समुद्र तटीय क्षेत्रों में बसे कई देशों के डूबने से 41 करोड़ लोगों के बेघर हो जाएंगें। रिसर्चर्स के मुताबिक वर्ष 2100 तक समुद्र के जल स्तर में तीन फुट तक की वृद्धि होगी। यह जल स्तर में बढ़ोतरी के मौजूदा अनुमान से 53 फीसदी अधिक है। समुद्र की सतह से छह फुट से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुनियाभर के 26.7 करोड़ लोग रहते हैं, लेकिन वर्ष 2100 तक यह संख्या बढ़कर 41 करोड़ होगी। 
रिसर्चर्स में कहा गया है कि समुद्री जल स्तर बढ़ने से दुनिया में सबसे अधिक प्रभाव इंडोनेशिया पर होगा। जोखिम वाले इलाकों की 62 फीसदी आबादी कटिबंधीय क्षेत्रों रहती है। स्टडी में बताया गया है कि वर्ष 1880 के बाद से समुद्र के जल स्तर में बढ़ोतरी का वैश्विक औसत आठ से नौ इंच रहा है। इस बढ़ोतरी का एक तिहाई हिस्सा यानी करीब तीन इंच केवल ढाई दशक में बढ़ा। सबसे अधिक बढ़ोतरी वर्ष 2019 में दर्ज की गई थी, जब जल स्तर में औसत वृद्धि वर्ष 1993 के औसत से 3.4 इंच अधिक दर्ज की गई थी। नासा की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 से 2100 के बीच समुद्री जल स्तर में 10.5 इंच तक की बढ़ोतरी सिर्फ ग्रीन लैंड के पिघलने से हो सकती है। इसके अलावा ग्लेशियरों के पिघलने से नदियां भी भारी मात्रा में जल समुद्र तक पहुंचाएंगी।