
बिलासपुर । राजस्व विभाग के अफसरो और दस्तावेज की क्या और कितनी अहमियत है, आप भी जान लीजिए। मोपका के सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा और निर्माण के मामले में कलेक्टर के आदेश पर कार्रवाई करने पहुँचे तहसीलदार को कब्जाधारियों ने दस्तावेज थमा दिया। तहसीलदार ने जब कहा की हमारे रिकार्ड में तो सरकारी भूमि है आप कोर्ट जाइये तो कब्जकर्ताओ ने उन्हें हड़काने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने जब आँखे तरेरी तब मामला शांत हुआ और तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू हो सकी।
मोपका तोरवा छठघाट बायपास रॉड पर राहुल ढाबा के सामने खुली भूमि में करीब 15-20 दिन से धड़ल्ले से निर्माण कार्य चल रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर नवनियुक्त तहसीलदार राजकुमार साहू निगम अमले के साथ शनिवार को पर करवाई के लिए मौके पर पहुँचे, तो पता चला कि यहां सीपत रोड निवासी मनीष राय द्वारा निर्माण कराया जा रहा। सूचना मिलने पर कब्जाधारी अपने साथियों के साथ मौके पर पहुँचा, कब्जाधारी ने जमीन के स्वामित्व सम्बन्धी दस्तावेज दिखाए तो तहसीलदार भी सट्ट पड़ गए। उन्होंने कहा कि हमारे राजस्व रिकार्ड में तो ये जमीन सरकारी है, आप कोर्ट जा सकते है हम तो कार्रवाई करेंगे।
तहसीलदार के इस जवाब से भड़के कब्जाधारी और उसके समर्थकों ने हो हंगामा मचाया मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी जब आगे आये तो सब ठंडे पड़ गए। इसके बाद निगम के एक्सीवेटर से नवनिर्मित बाउंड्रीवाल और अन्य निर्माण को ढहा दिया गया।
हमे कुछ पता नही
इस मामले में जब तहसीलदार राजकुमार साहू को कॉल कर जानकारी मांगी उन्होंने कहा दिया कि जमीन सरकारी है। हमे कुछ पता नही ह्यस्रद्व कलेक्टर से पूछ लीजिये
उड़ और चल रही जमीन
राजस्व विभाग के फर्जीवाड़े ने शांत शहर को अशांत कर दिया है। आये दिन जमीन पर कब्जे को लेकर लोग एक दूसरे का खून बह रहे। हाल ही में बस स्टैंड में एक दुकान में कब्जे को लेकर मारपीट की वारदात, मोपका की एक जमीन पर तीन बार अलग-अलग गुट द्वारा कब्जे की कोशिश ये सब इसी फर्जीवाड़े का नतीजा है।
अभी हाल ही में पूर्व मंत्री ने भी बिलासपुर में जमीन के उडऩे और चलकर अन्यत्र जाने का बयान देकर शासन-प्रशासन के हालात पर तंज कसा था।