मोदी के विकास मॉडल को लेकर जानकारों की राय बंटी हुई है, लेकिन एक तथ्य तो बिलकुल साफ है कि गुजरात में मोदी सरकार के 10 साल के शासन के दौरान कृषि के क्षेत्र में 10 प्रतिशत सालाना के हिसाब से ग्रोथ हुई। गुजरात में कृषि के क्षेत्र में हुए विकास की सीधी-सीधी वजह पानी के नए उत्पन्न संसाधनों को खेतों तक पहुंचाने और नई तकनीकी सुविधाओं तक किसानों की पहुंच को सुलभ बनाना है। ऐसे में इस बात की उम्मीद है कि अरुण जेटली के बजट में मोदी द्वारा गुजरात मेंं एग्रीकल्चर सेक्टर में अपनाई गई योजनाओं की झलक मिलेगी। हाल ही में, बीजेपी लीडर और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इस बात के संकेत दिए थे कि कृषि को लेकर नया अप्रोच अपनाया जाएगा। जावड़ेकर ने कहा था कि पानी को हर खेत तक पहुंचाने के लिए एक अभियान छेड़ा जाएगा।
सरकार भले ही यह कह रही हो कि पानी को सिर्फ हर खेत तक पहुंचाना है, लेकिन यह इतना आसान काम नहीं है। इसके लिए सिंचाई क्षेत्र में निवेश की जरूरत पड़ेगी। वैसे भी भारत में करीब 60 फीसदी खेती मॉनसूनी बारिश पर आधारित होती है। चूंकि, खेती राज्य के अधिकार के तहत आने वाला सेक्टर है, इसलिए जेटली को कृषि सेक्टर के लिए नई आधारभूत पॉलिसी के साथ सामने आना होगा।
क्या कदम उठा रहे हैं मोदी
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