मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि अधिकारी-कर्मचारियों के ट्रांसफर में पारदर्शिता बरतें और इसकी प्रक्रिया गाइडलाइन के मुताबिक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तबादलों में गड़बड़ी करने वालों पर भी पैनी नजर बनाए रखें। मुख्यमंत्री का इशारा मंत्रियों के स्टाफ की तरफ था। सीएम इससे पहले भी कह चुके हैं कि मंत्रियों को अपने स्टाफ से सतर्क रहना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी मंत्री महीने में कम से कम दो बार अपने क्षेत्र का दौरा करें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को जिलों के लिए प्रभारी मंत्रियों की घोषणा के बाद गुरुवार रात सभी मंत्रियों को डिनर पर बुलाया। कुल 30 मंत्रियों में से 21 मंत्री सीएम हाउस पहुंचे। दरअसल, सीएम की तरफ से गुरुवार को दोपहर 12 बजे मंत्रियों के पास संदेश पहुंचा था। इसमें सीएम ने सभी मंत्रियों को अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कहा था। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव इस दौरान दिल्ली में थे। संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर पारिवारिक विवाह समारोह में व्यस्त थीं। इस तरह, व्यस्तता का हवाला देकर 9 मंत्री डिनर में शामिल नहीं हुए।
असल में, मुख्यमंत्री ने डिनर के साथ मंत्रियों के साथ बैठक करने का भी प्लान बनाया है। इसमें शामिल होने से पहले कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमारे कप्तान हैं। वही बताएंगे कि हमें क्या करना है। वहीं, सीएम ने दिए मंत्रियों को निर्देश। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मंत्री सिर्फ ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए किसी जिले का प्रभारी नहीं होता है, बल्कि उस पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। वह जिले का पालक होता है।
सीएम के रूप चौथे कार्यकाल के 15 महीने बीतने के बाद शिवराज ने जिलों के बंटवारे में संतुलन साधने की हरसंभव कोशिश की। ट्रांसफर के लिए प्रभारी मंत्री की अनुशंसा अनिवार्य होने के चलते मुख्यमंत्री ने जिलों के बंटवारे के जरिए अपने ऊपर से दबाव कम करने का खास ध्यान रखा। अब मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अधिकारियों व कर्मचारियों के ट्रांसफर पारदर्शिता से हों। इसके लिए मंत्रियों को हिदायत दे सकते हैं।
इधर, पार्टी सूत्रों के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर लगभग खत्म होने के चलते स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं। संगठन स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में स्थानीय नेताओं की अपने भरोसेमंद अधिकारियों व कर्मचारियों की पोस्टिंग कराने में ज्यादा रुचि रहेगी, लेकिन मुख्यमंत्री, मंत्रियों को निर्देश दे सकते हैं कि सरकार की नीति के मुताबिक ही ट्रांसफर किए जाएं। मुख्यमंत्री, मंत्रियों को प्रभार वाले जिलों में सक्रिय रहने के निर्देश भी दिए।