मुंबई : हिन्दी फिल्मों के मशहूर खलनायक और कमीडियन सदाशिव अमरापुरक का आज तड़के मुंबई में निधन हो गया। उनकी बेटी रीमा अमरापुरकर ने बताया कि अमरापुरकर ने भारतीय सोमवार तड़के दो बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। फेफड़ों में संक्रमण की शिकायत के बाद अमरापुरकर पिछले आठ दिनों से कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती थे।

अमरापुकर का पार्थिव शरीर फैन्स के अंतिम दर्शन के लिए मुंबई के भाईदास हॉल में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार कल शाम को उनके पैतृक शहर अहमदनगर में होगा।

11 मई 1950 को अहमदनगर में पैदा हुए अमरापुरकर शुरू से ही रंगमंच से जुड़े थे। 80 के दशक में उन्होंने बॉलिवुड में एंट्री की और कई मराठी फिल्मों में भी काम किया। उनकी करबी 250 फिल्मों में से अर्ध सत्य, सड़क, हुकूमत, आंखें और इश्क काफी कामयाब रही हैं। उनकी सबसे ताजा फिल्म बॉम्बे टॉकीज थी।

1984 में आई 'अर्ध सत्य' के लिए तो उन्हें सपोर्टिंग ऐक्टर की कैटिगरी में फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। 1991 में आई 'सड़क' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फिल्मफेयर अवार्ड मिला था। 'सड़क' में उनके महरानी के किरदार की खूब तारीफ हुई थी। बतौर खलनायक स्थापित होने के बाद उन्होंने कई फिल्मों में कमीडियन का रोल भी किया।