इन्दौर । भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई ने 954 बूथों पर शुक्रवार को आपातकाल की 46वीं बरसी 'काला दिवस' के रूप में मनाकर बूथों पर निवासरत लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान किया गया।
भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर एवं काला दिवस कार्यक्रम के जिला प्रभारी चिन्टू वर्मा ने बताया कि भारत के इतिहास में 25 जून 1975 वह काला दिन है जिस दिन तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर देश में लोकतंत्र की हत्या की थी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हम आपातकाल के इस दिन को काले दिवस के रूप में मानते है। कांग्रेस के लोग आज भी लोकतांत्रिक संस्था और प्रतिक्रियाओं पर सवाल उठाते है। इतना ही नहीं कांग्रेस सहित हमारे वैचारिक प्रतिद्वंदी भी लोकतंत्र का गला घोटाने का काम कर रहे है। पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में कांग्रेसी मानसिकता वाले दल आपातकाल जैसे हालात पैदा कर रहे है। आपातकाल के दौरान संघर्ष करने वाले लोगों के कारण लोकतंत्र स्थापित हो पाया था।
मीसाबंदियों (लोकतंत्र सेनानियों) ने जाने कितनी यातना और कष्ट सहकर इस लोकतंत्र को बचाने का काम किया था। आपातकाल में मीसाबंदियों ने जिस तरह अपना सर्वस्व दावपर लगाकर दूसरी आजादी के लिये संघर्ष किया है, यह विश्व के लिये एक संदेश है। आज की पीढी को यह एहसास होना चाहिए कि आपाताल के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली गई थी और मौनिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया था। कांग्रेस ने केवल कुर्सी बचाने के लिये आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कुचल दिया था।
आपातकाल की 46वीं बरसी पर 954 बूथों पर मनाया 'काला दिवस'
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