इन्दौर । इन्दौर विमानतल पर केन्द्रीय मंत्री थावरचन्द गेहलोत का लोकतंत्र सेनानी के रूप में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, जयदीप जैन, घनश्याम काकाणी, चन्द्रशेखर मालवीय, बलजीतसिंह चौहान, राजेश रूद्र शर्मा, हंसराज नरवले ने स्वागत करते हुए सम्मान किया। इस अवसर पर गेहलोत ने कहा कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल की घोषणा कर दी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके मनमानी की गई। इंदिरा गांधी के राजनीतिक विरोधियों को कैद कर लिया गया और प्रेस को प्रतिबंधित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इंदिरा गांधी के कहने पर आपातकाल के दौरान प्रमुख नेताओं को पकड़कर जेल में डाल दिया गया था। आपातकाल लागू होते ही आंतरिक सुरक्षा क़ानून (मीसा) के तहत राजनीतिक विरोधियों की गिरफ़्तारी की गई, इनमें जयप्रकाश नारायण, जॉर्ज फ़र्नांडिस और अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे। इसी के साथ हमारे हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं को 19 माह के लिये जेल में डाल दिया गया। भाजपा लोकतंत्र के सबसे बड़े क्रूर एवं अलोकतांत्रिक घटना को काला दिवस के रूप में मनाती है।