पैरोल से फरार होने के बाद वापस जेल भेजे गये बंदी ने लगाई फांसी

केन्द्रीय जेल अधीक्षक, भोपाल दें जवाब

भोपाल की केन्द्रीय जेल में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे एक बंदी ने बीते गुरूवार की सुबह खण्ड ’’अ’’ के नवीन वार्ड नं. 06 के टाॅयलेट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बंदी को 14 दिन की पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा था। पुलिस ने उसे 20 जून को ही गिरफ्तार कर दोबारा जेल में दाखिल किया था। मामले में आयोग ने केन्द्रीय जेल अधीक्षक, भोपाल व अन्य संबंधित अधिकारियों से दो माह में जवाब मांगा है। भोपाल शहर की गांधीनगर पुलिस के मुताबिक ग्राम ताजपुर, रायसेन निवासी खेमचंद सिंह को रायसेन अदालत ने 25 अगस्त 2014 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनवाई थी। इसके बाद खेमचंद भोपाल केन्द्रीय जेल में सज़ा काट रहा था। उसे 15 फरवरी 2020 को 14 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। उसे एक मार्च 2020 को वापस जेल दाखिल होना था। खेमचंद के पैरोल से फरार होने पर केन्द्रीय जेल प्रबंधन ने गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसे 20 जून को गिरफ्तार कर जेल दाखिल किया था। चौबीस जून को सुबह 8ः30 बजे टाॅयलेट में उसने चादर की किनार से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।