नई दिल्ली : केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि यदि सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रथम प्रधानमंत्री होते तो देश का भाग्य कुछ अलग ही होता।
देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर विजय चौक पर आयोजित एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा कि सरदार पटेल उन नेताओं में अग्रणी थे, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान किया। सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। नायडू ने कहा कि देश के लाखों लोग यह महसूस करते हैं कि इतिहास ने सरदार पटेल के साथ न्याय नहीं किया। उन्होंने पूर्व कांग्रेस सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि नेहरू और पटेल दोनों ही महात्मा गांधी की दो आखें और कान थे, लेकिन पटेल को उनका हक नहीं मिला।
नायडू ने कहा कि सरदार और नेहरू महात्मा गांधी की दो आंखें और कान थे। लेकिन पटेल के निधन के बाद उनके नाम पर कौन सी योजनाएं बनी? उन्होंने कहा कि पटेल ने आजादी के बाद भारत को मुश्किल की घड़ी में एक किया था। नायडू ने कहा कि मेरे साथ-साथ बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो भारत की तकदीर, भारत की स्थिति कुछ अलग ही होती। देश के लाखों लोग यह महसूस करते हैं।
उन्होंने बताया कि हैदराबाद के शासक पाकिस्तान में शामिल होना चाहते थे, लेकिन सरदार पटेल ने दृढ़ता के साथ देश का एकीकरण किया। उन्होंने कहा कि क्या हमारे इतिहास की किताबों, स्कूल के पाठ्यक्रमों को ऐसी विरासतों को सही और संतुलित नहीं करना चाहिए? क्या हमें आजादी के बाद की पीढ़ी को इतिहास का संतुलित आंकड़ा नहीं देना चाहिए। सरदार पटेल की जयंती को 'एकता दिवस' के रूप में मनाने के पीछे हमारी सरकार का यही मकसद है।