जबलपुर। ६ महीने में दूसरी बार प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी चल रहीं है। जुलाई से बिजली के दामों में ८.३२ प्रतिशत विद्युत दर वृद्धि हो सकती है। बता दें कि जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा वित्तीय वर्ष २०२१-२२ में बिजली की दर तय करने पर लगी रोक हटा दी गई है। जिस पर हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद अब राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा नया टैरिफ लागू करने की तैयारी की जा रही है। साथ ही प्रदेश में पहली बार होगा जब ६ महीने के अंदर दूसरी बार बिजली बिल की दरों में बढ़ोतरी की जाएगी। २ सौ यूनिट के बिल में १४५ रूपये और ३ सौ यूनिट के बिल में २९६ रूपये बढ़कर आ सकते हैं। 
यहां उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा इससे पहले जनवरी में बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई थी। जहां बिजली की दरों में १.९ प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इसके बाद एक बार फिर से राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा वार्षिक राजस्व करोड़ों का घाटा दर्शाकर घरेलू बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया था।
 इसके बाद हाईकोर्ट में लगी रोक के हटने के बाद अब बिजली कंपनियों ने २,६२९ करोड़ रुपये घाटे की भरपाई के लिए अब श्झ् में बिजली के दाम ८.३प्रतिशत तक बढ़ाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए कंपनियों ने वित्तीय वर्ष २०२१-२२ के लिए विद्युत नियामक आयोग से बिजली की दरों में ८.३२प्रतिशत फीसद की बढ़ोत्तरी के लिए प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रस्तावित वृद्धि के तहत सिंगल फेस ३ किलोवाट के नए बिजली कनेक्शन के लिए वर्तमान में ६०० चुकाने पड़ते हैं, जबकि नई प्रस्तावित दरों के तहत १२२० रुपये चुकाने पड़ेंगे। थ्री फेस ५ किलोवाट मीटर कनेक्शन के लिए फिलहाल १८०० रुपये का शुल्क लगता है। वहीं, नये प्रस्ताव के तहत ३२०० रुपये चुकाने होंगे। थ्री फेज १० किलोवाट की बिजली कनेक्शन के लिए वर्तमान में ४८०० रुपये का शुल्क लगता है। वहीं, नये प्रस्ताव के तहत अब ८४०० रुपये तक चुकाने होंगे।