खंडवा बेटी के जन्म के बाद घर आगमन पर एक परिवार ने अनूठा जश्न मनाया। ढोल बजाए, अतिशबाजी की और फूल-माला पहनाकर बिटिया और उसके माता-पिता का स्वागत किया। पहले ही घर-आंगन को फूल-गुब्बारों से सजा दिया। 11 साल बाद पहली संतान के रूप में बिटिया जन्मी तो परिवार खुशी के मारे रहा नहीं गया।

किशोर नगर निवासी पेशे से डॉक्टर राकेश चौहान की पत्नी दुर्गा चौहान ने 16 जून को बेटी को जन्म दिया, वे शासकीय स्कूल में शिक्षिका हैं। सीजर से डिलीवरी हुई तो 22 जून को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया। बेटी का गृह प्रवेश मंगलवार को सूरजकुंड वार्ड स्थित उसके ननिहाल में हुआ।


डॉक्टर चौहान बताते हैं कि शादी हुए 11 साल बीत गए, काफी कुछ सामाजिक बुराइयां भी सहना पड़ी। ईश्वरीय कृपा रही कि गर्भावस्था के 9 माह बाद 16 जून को पत्नी को एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया। जहां प्रसव पीड़ा ना होने पर डॉक्टरों की सहमति से सीजर से डिलीवरी कराई, जिसके बाद एक स्वस्थ बेटी ने जन्म लिया तो परिवार खुशी से झूम उठा। बिटिया के स्वागत के लिए परिवार इंतजार में था, पांचवें दिन डिस्चार्ज के बाद घर लाए तो स्वागत और जश्न देखकर मैं भी हतप्रभ रह गया।

बेटियों के सम्मान वाली ये ‘आइडियल फैमिली’

बेटियों का सम्मान करने वाली यह फैमिली खंडवा की आइडियल फैमिली है। अलग-अलग गांवों से आकर बसे परिवार के लिए 70 वर्षीय दादी रूक्मणीबाई प्रेरणास्त्रोत हैं। दो बेटे व दो बेटियों का परिवार यहीं रहता है। तीन पुलिया से कलेक्ट्रेट रोड स्थित राजधानी कॉलोनी के पीछे निवास करने वाले इस राजपूत परिवार में बेटियों का वेलकम है। इस परिवार में 4 बेटियां प्राेफेशन से जुड़ी है, यानी दो बेटियां टीचर है तो एक प्रोफेसर व एक बेटी नर्स है।