नयी दिल्ली : हुदहुद चक्रवात के बाद देश पर नीलोफर चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है. मौसम विज्ञानियों के अनुसार, यह चक्रवात 30 व 31 अक्तूबर को भारत के पश्चिमी तट से टकरायेगा. खास तौर पर गुजरात के तटीय इलाके इस चक्रवात की जद में आयेंगे. तटीय इलाके के लोगों को इसके लिए सावधान भी किया जा रहा है. इस चक्रवात का नीलोफर नाम पाकिस्तान ने रखा है. उल्लेखनीय है कि पखवाड़े भर पहले देश में हुदहुद चक्रवात आया था और उसका असर देश के पूर्वी तट पर था.

उससे देश के अलग-अलग हिस्सों में कई लोगों को मौत हो गयी थी. नीलोफर चक्रवात अरब सागर से उत्पन्न हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार, इस चक्रवात के कारण  उत्तरी गुजरात के कच्छ इलाके में काफी जोरदार बारिश होगी. पाकिस्तान के सटे इलाकों में भी जोरदार बारिश होगी. बारिश बुधवार व गुरुवार को होगी. आज भारतीय मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि अगले 24 घंटे में नीलोफर एक गंभीर चक्रवात के रूप में आगे बढ़ेगा. 145 किलोमीटर प्रति घंटा की गति पकड़ने के बाद मंगलवार को यह चक्रवात बहुत गंभीर स्वरूप ले लेगा. बुधवार को भी हवा की गति इसी तरह जारी रहेगी. भारतीय मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा है कि पश्चिमी तट पर इसका गहरा असर होगा.

रविवार की दोपहर बाद नीलोफर का केंद्र मुंबई से 1270 किलोमीटर पश्चिम दक्षिण पश्चिम में और ओमान के सलालाह से 910 किलोमीटर पूर्व दक्षिण पूर्व में था. इस चक्रवात में मद्देनजर भारतीय आपदा प्रबंधन एजेंसियां सक्रिय हो गयी हैं और ऐहितियाती तैयारी में लग गयी हैं. गुजरात सरकार भी इस चक्रवात से निबटने के लिए तैयारियों में लगी हुई है. कच्छ के कलेक्टर ने इस चक्रवात को लेकर एडवाइजरी भी जारी कर दी है.