जयपूर । राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमे के बीच छिड़ी तकरार अब सरकार पर भी भारी पड़ सकती है। अब बीएसपी से कांग्रेस में आए और कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी सचिन पायलट कैंप के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। ये विधायक भी अशोक गहलोत सरकार के कैबिनेट विस्तार की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सचिन पायलट खेमे के अलावा एक और गुट को संतुष्ट करने की चुनौती अशोक गहलोत सरकार पर आ गई है। निर्दलीय विधायकों और बीएसपी से आए नेताओं ने एक तरफ अशोक गहलोत सरकार के पक्ष में खड़े रहने की बात कही है तो वहीं कैबिनेट में हिस्सेदारी के साथ वे उसकी कीमत भी चाहते हैं। सीएम अशोक गहलोत के करीबी कहे जाने वाले एक निर्दलीय विधायक ने कहा, 'हम सरकार के साथ खड़े हैं और साथ रहेंगे। अन्य निर्दलीय विधायकों और बीएसपी से कांग्रेस में आए 6 विधायकों से बातचीत के बाद हम एक प्रस्ताव पारित करेंगे और कांग्रेस पार्टी को उसकी ओर से किए गए वादों की याद दिलाएंगे।' सितंबर 2019 में बीएसपी से कांग्रेस में आने वाले 6 विधायक भी गहलोत सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं। इन विधायकों का कहना है कि बीते साल जब कांग्रेस सरकार का अस्तित्व संकट में था, तब उन्होंने ही उसे सहारा दिया था। अशोक गहलोत सरकार पर दबाव की रणनीति को आगे बढ़ाते हुए बीएसपी से आए 6 विधायकों और 13 निर्दलीय विधायकों ने 23 जून को मीटिंग का फैसला लिया है। इस बैठक में सभी 19 विधायक कैबिनेट हिस्सेदारी और राजनीतिक नियुक्तियों की मांग को लेकर बात करेंगे। इन 19 विधायकों ने यह कदम ऐसे वक्त में उठाने का फैसला लिया है, जब शनिवार को ही राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने कहा था कि पार्टी लीडरशिप सचिन पायलट के संपर्क है। वह हमारी पार्टी के स्टार कैंपेनर रहे हैं और हमारे लिए बड़ी एसेट हैं। उनके इस बयान के बाद ही बीएसपी से आए विधायकों और निर्दलीय नेताओं ने दबाव बढ़ाने की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।  निर्दलीय विधायक ने कहा कि राजस्थान आए सेंट्रल लीडर्स ने कैबिनेट विस्तार में निर्दलीय विधायकों को एक महीने में जगह देने की बात कही थी, लेकिन अब करीब एक साल होने वाला है और कुछ भी नहीं हो सका है। यही नहीं विधायक ने साफ संकेत दिया कि आने वाले दिनों में उनके खेमे और पायलट कैंप के बीच कैबिनेट विस्तार को लेकर रस्साकशी हो सकती है। विधायक ने कहा कि अब सचिन पायलट खेमे से बातचीत को लेकर अजय माकन का बयान भ्रम पैदा करने वाला है।