दक्षिण अफ्रीका की टीम बेहतर होने के बाद भी किस्मत का साथ नहीं मिलने के कारण आज तक एकदिवसीय विश्व कप नहीं जीत पायी है। दक्षिण अफ्रीका टीम के हाथ से 1999 के विश्व कप का सेमीफाइनल फिसल गया था तब उसके पास जीत का पूर मौका था। यह मैच टाई होने से दक्षिण अफ्रीकी टीम विश्व कप से बाहर हो गई। इस वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका की टीम खिताब की प्रबल दावेदार थी। उसके पास गैरी कर्स्टन, हर्शल गिब्स, जोंटी रोट्स, हैन्सी क्रोन्ये, लांस क्लूजनर, एलन डोनाल्ड, शॉन पोलाक जैसे दिग्गज खिलाड़ी थे हालांकि सेमीफाइनल में एलन डोनाल्ड के अजीबोगरीब रन आउट ने अफ्रीकी टीम के खिताब का सपना तोड़ दिया। तब 1999 वर्ल्ड कप का खिताब ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच से भी ज्यादा सेमीफाइनल की चर्चा होती है। अफ्रीकी टीम की वजह से ही स्टीव वॉ की कप्तानी वाली कंगारू टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था। सुपर सिक्स में एक समय ऑस्ट्रेलियाई टीम टूर्नामेंट से बाहर होने जा रही थी पर हर्शल गिब्स ने वॉ का कैच गिराकर कंगारू टीम को जीवनदान दे दिया। इसके बाद वॉ के नाबाद 120 रनों की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच दो गेंद शेष रहते हुए पांच विकेट से जीता था। इसके बाद सेमीफाइनल में दोबारा ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भिड़ंत हुई और किस्मत इस बार भी अफ्रीका के साथ नहीं थी।
डोनाल्ड-पोलाक ने बरपाया कहर
पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत बेहद खराब रही और मार्क वॉ को पहले ही ओवर में पोलाक ने पवेलियन भेज दिया था। दूसरे विकेट के लिए एडम गिलक्रिस्ट (20) और रिकी पॉन्टिंग (37) के बीच 51 रनों की साझेदारी हुई लेकिन एलन डोनाल्ड ने एक ही ओवर में पॉन्टिंग और डेरेन लीमन (1) को आउट कर कंगारू टीम को बैकफुट पर भेज दिया। जैक कैलिस ने गिलक्रिस्ट का विकेट झटक कर कंगारू टीम का स्कोर 68/4 कर दिया। इसके बाद एक बार फिर स्टीव वॉ ने पारी संभाली। उन्होंने 56 रनों की पारी खेली और पांचवें विकेट के लिए माइकल बेवन के साथ 90 रनों की साझेदारी निभाई। बेवन ने 65 रन बनाए और कंगारू टीम की तरफ से आउट होने वाले आखिरी बल्लेबाज रहे। इस मैच में पोलाक ने 36 रन देकर पांच और डोनाल्ड ने 32 रन देकर चार विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम 49.2 ओवर में 213 रन ही बना सकी। अफ्रीका की तरफ से गिब्स और गैरी कर्स्टन ओपनिंग के लिए उतरे और दोनों ने आसानी से पहले विकेट के लिए 48 रन जोड़े। शेन वॉर्न ने सिर्फ आठ गेंदों अंदर गिब्स (30) और कर्स्टन (18) को बोल्ड कर मैच में ऑस्ट्रेलियाई की वापसी कराई। इसके बाद वॉर्न ने कप्तान हैंसी क्रोन्ये को बिना खाता खोले ही आउट कर दिया तो दूसरी ओर डेरियल कलिनन छह रन बनाकर रन आउट हो गए। इस प्रकार अफ्रीकी टीम ने सिर्फ 13 रनों के अंदर चार विकेट गंवा दिये थे। टीम का स्कोर 61/4 हो गया. पांचवें नंबर उतरे कैलिस ने 53 रनों की पारी खेली और जोंटी रोड्स के साथ 5वें विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी की। रोड्स ने भी 55 गेंदों में 43 रन बनाए लेकिन ये दोनों बल्लेबाज टीम को जीत की दहलीज तक नहीं ले जा पाए। पाल रिफेल ने रोड्स को और वॉर्न ने कैलिस को आउट कर दक्षिण अफ्रीका का स्कोर छह विकेट पर 175 रन कर दिया। अब अफ्रीकी टीम को 31 गेंदों पर 39 रन बनाने थे और उसके चार विकेट शेष थे।
क्लूजनर की विस्फोटक बल्लेबाजी
वर्ल्ड कप में लांस क्लूजनर विस्फोटक फॉर्म में चल रहे थे। मैच के आखिरी ओवर में अफ्रीकी टीम को जीतने के लिए 9 रन चाहिए थे। क्लूजनर ने डेमियन फ्लेमिंग के पहले दो गेंदों पर दो चौका जड़ दिया। मैच टाई होने के बाद टीम को अब जीत के लिए चार गेंद में सिर्फ एक रन बनाना था और स्ट्राइक भी क्लूजनर के पास ही थी। तीसरी गेंद पर क्लूजनर ने मिड ऑन पर तेज शॉट खेला लेकिन गेंद सीधे डेरेन लीमन के हाथों में पहुंची और नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े एलन डोनाल्ड रन आउट होते-होते रह गए थे। चौथी गेंद को लांस क्लूजनर स्ट्रेट खेलने के साथ ही रन लेने के लिए दौड़ पड़े। गेंद नॉन स्ट्राइकर एंड पर विकेट के पास से मिड ऑफ पर गई और डोनाल्ड गेंद को देखते रह गए। इस बीच क्लूजनर तेजी से दौड़ते हुए नॉन स्ट्राइक एंड पर जाकर खड़े हो गए थे। डोनाल्ड ने जब तक दौड़ लगाई तब तक काफी देर हो चुकी थी, वह रन आउट हो गए। बेहतर रन रेट के आधार पर ऑस्ट्रेलियाई टीम फाइनल में पहुंच गई। वॉर्न ने इस मैच में घातक गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में चार मेडन सहित 29 देकर चार विकेट लिए।
जब एक रन आउट से दक्षिण अफ्रीका के हाथ से फिसला विश्व कप
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