भोपाल । प्रदेश के अनलॉक होने के बाद भी पर्याप्त यात्री न मिलने के कारण अधिकतर निजी बसों के पहिए अब भी थमे हुए हैं। आरटीओ में लगातार टैक्स माफी के लिए बस मालिक आवेदन दे रहे हैं। वे यात्रियों के न मिलने के कारण बस का परिचालन अभी नहीं करना चाहिए। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर की आक्रमकता को देखते हुए लगभग ढाई माह से अधिकांश यात्री बसों का संचालन बंद रहा। 1 जून से मप्र अनलॉक हो चुका है। इसके बावजूद भी बस संचालक बसों के परिचालन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। आरटीओ में लगातार बस मालिकों द्वारा टैक्स माफी के लिए आवेदन दिया जा रहा है। बस मालिकों का कहना है कि हर महीने बसों की सीटों की क्षमता के हिसाब से हजारों रुपए तक मासिक टैक्स आता है। जबकि आमदनी है नहीं। यात्री न मिलने एवं कोविड गाइडलाइन को देखते हुए बस संचालक आवेदन देकर टैक्स माफी की मांग कर रहे हैं।


दूसरे कार्य कर रहे चालक, कंडक्टर व क्लीनर
अधिकतर बसों का परिचालन न होने से चालक, कंडक्टर व क्लीनर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। उनका कहना है कि पिछले लॉकडाउन ने वैसे ही कमर तोड़ दी थी। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। सभी का रोजगार छीन लिया है। परिवार का जीवन यापन करने के लिए बसों के चालक, कंडक्टर व क्लीनरों दूसरा कार्य कर रहे हैं।