तिरूवनंतपुरम : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करने के लिए पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करने के कुछ ही दिन बाद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने आज यहां विझिंजम में एक सफाई अभियान का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसका कोई राजनैतिक मतलब न निकाला जाए।

मोदी की तारीफ और ‘स्वच्छ भारत’ के अभियान का समर्थन करने पर केरल प्रदेश कांग्रेस समिति की ओर से शिकायत किए जाने के बाद थरूर को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था। थरूर ने आज अपने संसदीय क्षेत्र में विझिंजम बंदरगाह के पास एक स्थान से कचरा हटाया।

स्वच्छता अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी का बचाव करते हुए थरूर ने कहा, यह किसी राजनैतिक दल का विशेषाधिकार नहीं है और अपने आसपास को स्वच्छ रखने का संदेश सबसे पहले महात्मा गांधी ने दिया था। जब थरूर से पूछा गया कि क्या उनके इन कामों को पार्टी द्वारा जारी चेतावनी का उल्लंघन माना जाएगा, तो उन्होंने कहा, गांधी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी है। लेकिन गांधी के लिए शरीर और मस्तिष्क की सफाई भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी, जिसका अर्थ है कि दिल को घृणा और हिंसा से मुक्त करना भी महत्वपूर्ण है।

केरल की राजधानी से दूसरी बार कांग्रेस के सांसद बने थरूर ने कहा कि एआईसीसी ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि वे गांधी जयंती (2 अक्टूबर) से शुरू किए गए एक माह लंबे सफाई अभियान से जुड़ें। जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या वे ‘स्वच्छ भारत’ अभियान से जुड़ रहे हैं, तो उन्होंने कहा, आप इसे किसी भी नाम से पुकार सकते हैं लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि देश को साफ रखा जाए। आप मेरे आसपास स्थानीय लोगों को देख सकते हैं। इनमें कांग्रेस के भी कई कार्यकर्ता हैं। महत्वपूर्ण यह है कि दलगत राजनीति से परे, इस देश को स्वच्छ बनाया जाए।

थरूर ने कल ट्वीट किया, विझिंजम तट..गंदगी और कचरे से बर्बाद हो चुकी एक खूबसूरत जगह..। कल मैं इसे स्थानीय निवासियों की मदद से साफ करूंगा। थरूर के इस कदम पर कांग्रेस के नेता कुछ टिप्पणी करने से बचते रहे। हालांकि थरूर पर निशाना साधते हुए केपीसीसी के महासचिव अजय थाराईल ने कहा कि पार्टी ने उनके इस कदम को नजरअंदाज करने का फैसला किया है।

मोदी की लगातार तारीफ करने के बाद केपीसीसी की ओर से थरूर की शिकायत की गई। इस शिकायत के आधार पर इस माह की शुरूआत में थरूर को एआईसीसी ने पार्टी प्रवक्ता पद से हटा दिया था। हालांकि वह लगातार कहते रहे हैं कि मोदी के कई प्रयासों की सराहना करने का अर्थ यह नहीं है कि उन्होंने कभी भाजपा के हिंदुत्व के एजेंडा का समर्थन किया है या वे भगवा पार्टी के करीब जा रहे हैं।