
भोपाल । प्रदेश का मालवा-निमाड अंचल झमाझम बरसात के लिए तरस रहा है, भोपाल में जून का बरसात का कोटा पूरा हो चुका है। दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में प्रवेश करने के बाद शिथिल पड़ गया है। मानसून अरब सागर से ताबड़तोड़ रफ्तार के साथ आगे बढ़ा था लेकिन वर्तमान में इसकी उर्जा कमजोर पड गई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी सिस्टम नहीं होने के कारण इस तरह की स्थिति बनी है। मालवा-निमाड़ क्षेत्र जून का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद भी बरसात के लिए तरस रहा है। हालांकि वातावरण में मौजूद नमी के कारण स्थानीय स्तर पर सिस्टम बनने के कारण प्रदेश में कहीं-कहीं बौछारें पड़ रही हैं। इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक सतना में 77.2, खंडवा में 63, भोपाल शहर में 36.9, होशंगाबाद में 34.8, रायसेन में 31.6, नौगांव में 25.6, सीधी में 15.6, भोपाल एयरपोर्ट पर 15.4, सागर में 10, दमोह में आठ मिलीमीटर बारिश हुई। उधर राजधानी में जून माह की सामान्य बरसात का कोटा गुरुवार सुबह पूरा हो गया है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक आज रीवा, शहडोल, जबलपुर, होशंगाबाद, भोपाल, सागर, ग्वालियर, चंबल, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून ने 10 जून को बैतूल की तरफ से प्रवेश किया था। आगे बढ़कर मानसून 13 जून को भोपाल में भी प्रवेश कर गया, लेकिन मालवा, निमाड़ की तरफ नहीं बढ़ा। 13 जून को मानसून ने पूरे रीवा संभाग के साथ भोपाल, विदिशा, पन्ना, छतरपुर, एवं शहडोल जिलों में प्रवेश किया था। इसके बाद अभी तक वहीं ठहरा हुआ है। बरसात के मामले में अभी तक पूर्वी मप्र तरबतर हो चुका है। शेष क्षेत्रों में इंदौर, उज्जैन, चंबल संभाग में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है।मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिलने के कारण पिछले चार दिन से मानसून भोपाल, नौगांव, हमीरपुर पर थमा हुआ है। वर्तमान में अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई वेदर सिस्टम नहीं रहने के कारण अभी एक सप्ताह तक मानसून के आगे बढ़ने की संभावना भी कम ही नजर आ रही है।