नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद से ही यह मामला सुर्खियों में हैं। कई दिग्गज नेताओं और चर्चित हस्तियों ने इस वीडियो को साझा करते हुए इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी,जिसकी वजह से यह घटना चर्चा में है। आरोप था कि यह सांप्रदायिक मामला है लेकिन जिस तरह से खुद बुजुर्ग व्यक्ति ने इस बात से इनकार किया उसके बाद यूपी पुलिस एक्शन में है। यूपी पुलिस ने ट्विटर के खिलाफ भी कार्रवाई करने मन बना लिया है। फर्जी वीडियो को रोकने में विफल रहने के चलते यूपी पुलिस ने ट्विटर इंडिया को नोटिस भेजा है।लोनी में बुजुर्ग की दाढ़ी काटने की घटना में भड़काऊ वीडियो ट्रेंड होने को लेकर पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें सात दिन के अंदर लोनी बॉर्डर थाने में अपना बयान दर्ज कराना होगा। यह नोटिस जांच अधिकारी की ओर से जारी किया गया है। यह मुंबई स्थित कार्यालय के पते पर भेजा गया है। 

नोटिस में क्या है
लोनी बॉर्डर थाना के जांच अधिकारी द्वारा ट्विटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी को ये नोटिस सीआरपीसी की धारा 160 के तहत भेजा है। नोटिस में पुलिस ने कहा है कि समाज में घृणा और विद्वेष फैलाने वाले संदेशों का ट्विटर ने कोई संज्ञान नहीं लिया और सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करने वाले कार्य व लेख को बढ़ावा दिया। साथ ही ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने दिया। 

ट्विटर के खिलाफ जमानती धाराओं में दर्ज है मुकदमा 
ट्विटर के खिलाफ दर्ज मुकदमे की सभी धाराएं जमानती हैं। इसलिए उनमें गिरफ्तारी नहीं होगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी की जरूरत भी नहीं है। हालांकि पूछताछ में सभी आरोपियों को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होना पड़ेगा। इसलिए पुलिस ट्विटर और वायर के अलावा अन्य आरोपियों को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी कर रही है।

मामले में तीसरी मुकदमा दर्ज
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने बताया कि बुधवार की देर रात पुलिस ने इस मामले में तीसरा मुकदमा दर्ज किया। लोनी बॉर्डर कोतवाली के दरोगा नरेश सिंह ने यह मुकदमा सपा नेता उमेद पहलवान के खिलाफ दर्ज कराया है। उन्होंने अपनी तहरीर में बताया है कि उमेद पहलवान विवादित मामले में फेसबुक लाइव कर रहे थे। इसके बावजूद फेसबुक ने न तो फैक्ट चेक किया और न ही इसे प्लेटफार्म से हटाने का प्रयास किया है। दूसरी ओर, ट्वीटर के खिलाफ दर्ज मुकदमे में बुधवार रात ट्विटर को मेल के जरिए जारी पहले नोटिस का जवाब नहीं मिला है। इसमें पुलिस ने वीडियो वायरल करने वालों की सूची मांगी थी। साथ ही इसमें पूछा था कि कितने लोगों ने वीडियो वायरल करने के बाद अपना ट्वीट डिलीट किया। इसके साथ ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की जानकारी मांगी गई थी।