इंदौर में अभी मानूसन ने तो दस्तक नहीं दी है, लेकिन बुधवार देर रात हुई करीब 1 झमाझम बारिश ने लोगों को टेंशन में डाल दिया। 83 एमएम यानी तीन इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई। तिलक नगर, बख्तावर राम नगर, मनोरमागंज जैसे पॉश काॅलोनी के साथ ही पंचम की फेल सहित कई निचली बस्तियों में लोग रातभर घरों में भरे पानी को निकालते रहे। यहां की सड़कों ने तो कुछ देर की बारिश में ही नाले का रूप ले लिया। बारिश से परेशान लोगों की समस्या को बिजली कंपनी ने और बढ़ा दी। बारिश शुरू होने के साथ ही बिजली चली गई। लोग अंधेरे में ही पानी काे निकालने में जुटे रहे। पहली बारिश ने निगम के साथ ही बिजली कंपनी की तैयारियों को पोल खोल कर रख दी है।


BRTS बना नाला, 300 से ज्यादा कॉलोनियां अंधेरे में डूबीं

एग्रीकल्चर काॅलेज में लगे मापक की माने तो देर रात करीब एक घंटे की 83.5 MM बारिश हुई। हालांकि पश्चिमी क्षेत्र में हल्की बारिश होने से एयरपोर्ट पर लगे मापक यंत्र में 2.8 मिमी बारिश रिकार्ड हुई। बारिश के बाद निगम दफ्तर में लगातार फोन घनघनाए। सभी ने एक ही बात कही। हमारे क्षेत्र में पानी भरा गया है। बारिश के कारण BRTS एक बार फिर से नाले में तब्दील हो गया। इसके अलावा बारिश के साथ ही शहर की 300 से ज्यादा कॉलोनियों में बिजली गुल हो गई। लोग रातभर बिजली कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करते रहे।

यह बोले परेशान रहवासी...

बख्तावर राम नगर में रहने वाले डॉक्टर एके द्विवेदी ने बताया कि तिलक नगर मेन रोड से लगी इस कॉलोनी में जैसे ही बारिश होती है, सड़कें नाले का रूप ले लेती हैं। पिप्लियाहाना गांव का पानी यहां तक आ जाता है। बारिश का पानी तो छोड़िए, ड्रेनेज का पानी भी ऊपर आकर घरों में घुस जाता है। यह समस्या कोई आज की नहीं है करीब 15 साल से हम इसी समस्या से दो चार हो रहे हैं।

पार्षद आशा सोनी के कार्यकाल में यहां बड़ी पाइप लाइन डाली गई थी, लेकिन ड्रेनेज के मुंह को प्रॉपर तरीके से बंद नहीं किया गया। ऐसे में ड्रेनेज का पानी तो ऊपर आता ही है, सालभर हम बदबू से भी परेशान रहते हैं। जब जिम्मेदारों को कॉल किया कहते हैं कि हम आ रहे हैं, लेकिन कोई आता नहीं है। यहां पर एक नाला है, जिसमें यदि पाइप लाइन डाल दें तो समस्या का समाधान हो जाएगा।


नीता लालवानी आधी रात को जैसे ही पानी शुरू हुआ हमारी समस्या शुरू हो गई। बारिश होते ही हम सोने के बारे में सोच भी नहीं पाते हैं। रात में भी आंख लगी ही थी कि देखा बारिश का पानी घर में घुसने लगा है। हम सबसे बारिश के पानी को घरों में घुसने से रोकने के लिए लोहे के पटरे बनाए हैं। उसे तो हमने गेट पर लगा दिया, लेकिन इसके बाद भी पानी को भीतर तक पहुंचने से नहीं रोक पाए।

रात 2 बजे तक पानी को बाहर निकालने में लगे रहते हैं। चेंबर की सही व्यवस्था नहीं होने से पानी घरों में भरा रहा है। बाहर के ड्रेनेज का पानी तो घरों में जाता ही है। ज्यादा पानी भरने से हमारे घरों के बाथरूम का पानी भी बाहर आने लगता है। एक तरफ तो ये स्वच्छ इंदौर की बात करते हैं, दूसरी ओर हमारे घरों में गंदगी फैल रही है, उसे देखने वाला कोई नहीं। रोड ऊंची हुई तो घर ऊंचे किए, लेकिन पानी को नहीं रोक पाए। इंदौर की पॉश कॉलोनी में रहने के बाद ऐसी हालत है। इतनी समस्या तो गांव में भी नहीं होती है। हवा, चली बारिश आई लाइट गुल हो गई। सुबह से घर साफ कर रहे हैं, लेकिन ड्रेनेज का पानी भीतर जाने से बदबू आ रही है।


रिटायर्ड प्रो. हरिसिंह ठाकुर ने कहा कि हम सालभर परेशान होते हैं। यदि हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम कोर्ट जाने को मजबूर जो जाएंगे। यहां जिनके पुराने मकान बने हैं, वहां हल्की बारिश में ही जलभराव की स्थिति बन जाती है। वहीं, सुनील लालवानी ने बताया कि अर्चना मेडिकल स्टोर के आगे से दो किमी लंबी पाइप लाइन डली हुई है। उसका पानी हमारी कॉलोनी से होकर निकलता है। हालांकि आगे जो लाइन डली है वह बहुत छोटी है। ऐसे में हल्की बारिश होते ही पानी सड़कों से बह निकलता है। यदि उस लाइन को सही किया जाए तो यहां की समस्या दूर हो सकती है। कल रात में ही पूरे घर में पानी भरा गया था।


प्रभारी निगमायुक्त जलजमाव वाले क्षेत्र काे चिन्हित करने को कहा था

प्रभारी निगमायुक्त संदीप सोनी दाे दिन पहले शहर में होने वाले जल जमाव के संबंध में सिटी बस ऑफिस में समीक्षा बैठक ली थी। इसमें अधीक्षण यंत्री महेश शर्मा, डीआर लोधी, कार्यपालन यंत्री सुनील गुप्ता अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि शहर में कही भी जल जमाव की स्थिति नहीं बने। जोन के अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे सभी स्थानों पर नालियां बनाने के निर्देश दिए गए थे, जहां जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न होती है। निगम द्वारा स्टॉर्म वाटर लाइन की सफाई, सीवरेज लाइन की सफाई, चेंबरों की सफाई भी बड़े पैमाने पर शुरू करने की बात कही गई थी।

ड्रेनेज लाइन सहित इससे जुड़े कामों के लिए साढ़े 400 करोड़ का बजट

देर रात हुई तेज बारिश से पूर्वी क्षेत्र जमकर भीगा। हालांकि पश्चिमी क्षेत्र में बारिश हुई, लेकिन थोड़ी धीमी रही। इस साल जून के शुरुआत में और फिर बुधवार रात दो बार तेज बारिश हुई। दोनों ही बार हालात ऐसे बन गए कि कई जगह पर दो से तीन फीट पानी तक भरा गया। यह कोई इस साल की बात नहीं है, पिछले साल तो कई इलाकों में लोगों को बचाने के लिए नाव तक चलानी पड़ी थी।

हालांकि नगर निगम हर साल शहर में ड्रेनेज व्यवस्था को ठीक करने और पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था की प्लानिंग तो करता है। इसके लिए करोड़ों रुपए का बजट भी पास होता है। इस साल भी साढ़े 400 करोड़ का बजट पास हुआ है। यहां नई लाइन डालने के साथ ही स्ट्राम वाटर लाइन के लिए प्लानिंग तो होती है, लेकिन बारिश आते ही मैदान पर कहीं नजर नहीं आती।