लखनऊ । देष में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है। ऐसे में उप्र की योगी सरकार ने अभी से इससे निपटने के लिए कमर कस ली है। इसी के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को दवा किट के वाहनों को सभी 75 जिलों के लिये रवाना किया। दवा किट शून्य से एक साल, एक से पांच साल और छह से 12 साल के बच्चों के लिये अलग अलग है जिसमें बुखार के लिये पैरासिटामाल सिरप अथवा गोलियां, मल्टीविटामिन सिरप अथवा गोली और ओआरएस वगैरह शामिल है। छह से 12 साल के बच्चों को संक्रमण की दशा में एविरवैक्टिम टैबलेट छह मिग्री की गोलियों को दवा किट में शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखा कर दवा किट के वाहनो को रवाना किया। उन्होने कहा कि बेहतर टीम प्रबंधन की बदौलत सरकार कोरोना की पहली और दूसरी लहर से निपटने में सफल रही है। अब सरकार की तैयारी संभावित तीसरी लहर से लड़ने की है। इसके लिये हर मेडिकल कॉलेज तथा जिला अस्पतालों में बच्चों के आइसीयू (पीकू) वार्ड तेजी से स्थापित हो रहे हैं। उन्होंने आगाह किया कि दूसरी लहर का प्रकोप राज्य में कम हुआ है मगर वायरस अभी गया नहीं है। इस लिये लोगों को सामाजिक दूरी बनाये रखने के साथ साथ मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य है और बार बार हाथ धोना चाहिये। उन्होने कहा कि संक्रमण की रोकथाम में निगरानी समितियों का काम सराहनीय रहा है वहीं आंगनबाड़ी और आशाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को वैक्सीनेशन के लिये जागरूक करने की दिशा में अच्छा काम किया है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस बारे में पैम्पलेट भी वितरित किये है जिसमें संक्रमण के लक्षणों की पहचान के बारे में लिखा है। जैसे बच्चे का लगातार रोना, खाने पीने से मना करना, 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार आना, दस्त लगना आदि शामिल है। सरकार ने संक्रमण के संभावित खतरे से निपटने के लिये हर जिले में बच्चों के लिये अलग से वार्ड और आईसीयू की भी व्यवस्था की है। सरकार ने 75 जिलों में कुल 5० लाख किट भेजी जायेंगी। अभी 17 लाख किट जिलों को भेजी गई हैं जबकि बाद में 33 लाख दवाओं की किट और भेजी जाएंगी।