बेंगलुरु: विधि के क्षेत्र में कर्नाटक से अपना करियर शुरू करने वाले भारत के प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तु ने राज्य के लोगों को भरोसा दिलाया कि न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में सेवा देते हुए वह कभी भी बदनामी नहीं मोल लेंगे।

बेंगलुरु बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि इस देश के प्रधान न्यायाधीश के रूप में मुझे क्या करना चाहिए। मैं इस राज्य के निवासियों, मेरे कन्नड़ भाषियों को पक्का भरोसा दिला सकता हूं कि संभवत: मैं आपके लिए अच्छा नाम ना कमा पाउं लेकिन आपके लिए बदनामी भी नहीं लाउंगा। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी. एच. वघेला सहित अन्य लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।

उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बनने से पहले दत्तु केरल और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 28 सितंबर को 63 वर्षीय दत्तु को भारत के प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलायी। बतौर प्रधान न्यायाधीश दत्तु का कार्यकाल 14 महीने का है।