शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने यानी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की होड़ मची हुई है, लेकिन इसमें आंखमूंदकर निवेश करने से आपकी पूंजी डूब सकती है। दरअसल शेयर बाजार में सूचीबद्ध 50 कंपनियां पैसा उगाह कर फरार हो चुकी हैं। इसमें सबसे अधिक कंपनियां महाराष्ट्र की हैं। इनमें उत्तर प्रदेश और दिल्ली के पते वाली कंपनियां भी शामिल हैं। एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। इससे पहले 1990 के दौरान भी इस तरह के मामले सामने आए थे।बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने पिछले साल दिसंबर में इन कंपनियों को नियमों के तहत कुछ स्पष्टीकरण मांगे थे। इसके लिए बीएसई ने डाक से नोटिस भेजा था। लेकिन बीएसई को उस वक्त हैरानी हुई जब पंजीकृत पते पर इन कंपनियों के किसी भी तरह के ऑफिस नहीं थे। इसके बाद बीएसई ने आगे की कार्रवाई के लिए तैयारियां तेज कर दी है।
अब आगे क्या होगा
बीएसई ने पिछली छह माह की जानकारी के आधार पर इन कंपनियों और उनके निदेशकों के ई-मेल आईडी पर मेल भेज इसके बारे में जानकारी मांगी है। 15 दिन के भीतर जवाब नहीं मिलने पर नियमों के अनुसार कार्रवाई होगी। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) को भी इसके बारे में सूचित किया जा रहा है। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत आगे की कार्रवाई होगी।
क्या कहता है कानून
कंपनी मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि दो साल तक कोई कंपनी किसी तरह की सूचना नहीं देती है तो उसे फरार कंपनी की श्रेणी में डाल दिया जाता है, लेकिन कंपनी अधिनियम 2013 में इसका कोई उल्लेख नहीं है। हालांकि, इसमें ऐसी कंपनियों पर अंकुश के कई तरह के प्रावधान हैं।
क्या करें निवेशक
विशेषज्ञों का कहना है कि फरार कंपनियों से वसूली बेहद मुश्किल और लंबी प्रक्रिया है। ऐसे में किसी कंपनी के बाजार में सूचीबद्ध होने उसके शेयरों में कुछ माह जोरदार तेजी की वजह से लालच में न फसें। पूरी पड़ताल और आकलन के बाद नामचीन कंपनियों में निवेश को तरजीह दें।
देखें किस राज्य में कितनी कंपनियां हुईं फरार
- महाराष्ट्र 14
- गुजरात 07
- तमिलनाडु 06
- दिल्ली 05
- पश्चिम बंगाल 05
- कर्नाटक 03
- हरियाणा 02
- आन्ध्र प्रदेश 02
- तेलंगाना 02
- उत्तर प्रदेश 02
- छत्तीसगढ़ 01
- मध्य प्रदेश 01