उन्नाव. उन्नाव पुलिस ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पर महामारी एक्ट, आपदा प्रबंधन एक्ट व आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. जांच अधिकारी के पास बयान दर्ज करवाने के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मेरे ऊपर एक साल में 6 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. उन्होंने कहा कि मुद्दा उन्नाव पुलिस की नहीं है, मामला सरकार से जुड़ा हुआ है, क्योंकि मैं यूपी सरकार की नजर में खटकता हूं. सिंह ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार मेरा मानसिक उत्पीड़न करना चाहती हैं.
दरअसल एसपी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि 67 शवों को योगी सरकार ने गंगा के तट पर जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफन किया है. शवों का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से न करना हिंदुओ के लिए कलंक जैसा है. यूपी का यह योगी मॉडल जीवित को इलाज नहीं, मृतक का अंतिम संस्कार नहीं. इसके अलावा एसपी सिंह ने एक फोटो शेयर किया है जिसमें शव गंगा में बहते हुए जा रहे हैं. एसपी सिंह का ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. मामले में उन्नाव सदर कोतवाली पुलिस ने ट्वीट का संज्ञान लिया है. पुलिस का दावा है जो 100 शव गंगा में बहते हुए दिखाए जा रहे हैं, वह जनवरी 2014 का है. मामला काफी सुर्खियों में रहा था.
FIR के बाद उठाए सवाल
उधर एफआईआर दर्ज होने के बाद एसपी सिंह ने कई ट्वीट किए हैं, इनमें उन्होंने लिखा है कि बात सच हो गई. धारा 153, 465, 505, 21, 54 और IT Act 67 के तहत मेरे ऊपर उन्नाव पुलिस ने मुक़दमा लिख दिया है. उन्होंने पूछा है कि क्या उन्नाव में कोई लाशें नहीं तैर रहीं? क्या मुझ पर मुक़दमा कर देने से सच बदल जाएगा? मां गंगा में तैरते 2000 शवों पर सरकार का जवाब- FIR, मां गंगा भी तुम्हें माफ नहीं करेंगी याद रखना.
मामला सरकार से जुड़ा हुआ है, क्योंकि मैं यूपी सरकार की नजर में खटकता हूं-रिटायर्ड IAS सूर्य प्रताप सिंह
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