नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सदन की कार्रवाई को लेकर बड़े फैसले के संकेत दिए हैं। 'संसद की गरिमा, प्रतिष्ठा बनाए रखें सांसद'। जिसके चलते संसद में अब सांसदों को 100 दिन काम करना पड़ेगा और साथ ही उनको आचरण पर भी ध्यान देना होगा।
संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि संसद की कार्यवाही साल में कम से कम 100 दिन चलनी चाहिए और साथ ही में उन्होंने सांसदों के आचरण को लेकर भी सुझाव दिया गया है।
अगर कोई सांसद सदन मे हंगामा करके कार्यवाही को बाधित करता है तो उसका एक दिन का वेतन और भत्ता काट लेना चाहिए और खराब व्यवहार पर आचार संहिता के अनुसार तुरंत कार्रवाई किया जाए।
साथ ही उन्होंने विधानसभाओं को लेकर भी कुछ सुझाव सामने रखे हैं। पत्र लिखकर कहा है कि 30 विधायकों से कम संख्या वाली विधानसभा कम से कम 40 दिन और 30 से ज्यादा संख्या वाली एसेंबली कम से कम 70 दिन जरूर चले।
भाजपा का कहना है कि सरकार से इस कदम से संसद को सुचारु रूप से चलाने में मदद मिलेगी जबकि विपक्ष दल ने वेंकैया के पत्र पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो उन्हे ये खयाल क्यों नहीं आया?
अब 100 दिन करना पड़ेगा सांसदों को काम
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