मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और ग्लोबल असेट मैनेजमेंट कंपनी जियो ब्लैकरॉक ने अपने NFO से 17,800 करोड़ रुपये के फंड जुटा लिए हैं. अंबानी ने एनएफओ में डेब्यू करते ही कमाल कर दिया है. असेट कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसने तीन नकद या डेट म्यूचुअल फंड योजनाओं के जरिए ये फैसे इकट्ठा किए हैं.
जियो ब्लैकरॉक, भारतीय अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और अमेरिका स्थित ब्लैकरॉक के बीच एक ज्वाइंट वेंचर है. जियो ब्लैकरॉक ने एक बयान में कहा कि तीन दिवसीय पहली पेशकश में 90 से अधिक संस्थागत निवेशकों और 67,000 से अधिक खुदरा निवेशकों ने एनएफओ में निवेश किया है.
जियोब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट का तीन दिन का एनएफओ, जो 30 जून को शुरू हुआ और 2 जुलाई 2025 को बंद हुआ, ने 90 से ज्यादा बड़े संस्थागत निवेशकों को आकर्षित किया. ये दिखाता है कि लोग जियोब्लैकरॉक के डेटा-बेस्ड और डिजिटल-फर्स्ट इनवेस्टमेंट अप्रोच पर कितना भरोसा करते हैं. इसके अलावा, कैश/डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स को रिटेल इनवेस्टर्स से भी शानदार रिस्पॉन्स मिला. 67,000 से ज्यादा लोगों ने इस दौरान इन फंड्स में पैसा लगाया. कंपनी के मुताबिक, चाहे बड़े संस्थान हों या आम निवेशक, जियोब्लैकरॉक के म्यूचुअल फंड्स को हर तरफ से जबरदस्त सपोर्ट मिला है.
जियोब्लैकरॉक के एमडी और सीईओ सिड स्वामीनाथन ने कहा कि हमारे पहले एनएफओ को मिला ये शानदार रिस्पॉन्स हमारे इनोवेटिव इनवेस्टमेंट अप्रोच, रिस्क मैनेजमेंट और डिजिटल-फर्स्ट स्ट्रैटेजी का सबूत है. ये भारत के बदलते इनवेस्टमेंट सीन में एक नई ताकत बनने की हमारी शुरुआत है, जो हर तरह के निवेशक को सर्विस देगी.
ये हैं कंपनियां शामिल
2 जुलाई 2025 को खत्म हुआ ये एनएफओ भारत का सबसे बड़ा कैश/डेट फंड सेगमेंट था, जिसने जियोब्लैकरॉक को देश के 47 फंड हाउसेज में डेट एसेट्स के मामले में टॉप 15 एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में शामिल कर दिया. जियोब्लैकरॉक के ये पहले फंड्स निवेशकों को कैश और शॉर्ट-टर्म इनवेस्टमेंट मैनेज करने के कई ऑप्शन्स देते हैं, जो अलग-अलग लिक्विडिटी, रिस्क और रिटर्न गोल्स को पूरा करते हैं.