बीजिंग। चीन ने तिब्बती बौद्ध धर्म की 600 साल पुरानी परंपरा की रक्षा के लिए उत्तराधिकारी की नियुक्ति संबंधी तिब्बती नेता दलाई लामा की टिप्पणियों पर कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि अगले दलाई लामा की नियुक्ति का अधिकार केवल चीन को है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “दलाई लामा, पंचेन लामा और अन्य महान बौद्ध हस्तियों के पुनर्जन्म का चयन स्वर्ण कलश से लॉटरी निकालकर किया जाना चाहिए और ये केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित होना चाहिए।”

14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो (89) ने दलाई लामा चुनने मेें किसी भी राजनीतिक दबाव को खारिज कर दिया था। उन्होंने अपने 90 वें जन्मदिन के पहले कहा कि उत्तराधिकारी की नियुक्ति केवल तिब्बती बौद्ध धर्म की सदियों पुरानी पारंपरिक नियमों द्वारा की जा सकती है और इसमें चीन का कोई दखल नहीं होना चाहिए। वर्ष 2011 में जब दलाई लामा से पूछा गया था कि क्या ये परंपरा जारी रहेगी तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर कोई “सार्वजनिक चर्चा” नहीं होगा। इस वजह से पिछले 14 वर्षों से इस विषय पर अटकलें जारी हैं।

उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा कि ये परंपरा जारी रहेगी, क्योंकि “निर्वासित तिब्बती संसद के सदस्यों, विशेष आम सभा की बैठक में भाग लेने वालों, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों, हिमालयी क्षेत्र, मंगोलिया, रूसी संघ के बौद्ध गणराज्यों और मुख्य भूमि चीन सहित एशिया के बौद्धों” ने उन्हें इसे जारी रखने के लिए पत्र लिखा था।