
देश भर में अक्सर पुलिस ने ये कहती है कि वो जनता की सेवा और सुरक्षा के लिए है. पुलिस से किसी भी आमजन को डरने की आवश्यकता नहीं है. पीपुल फ्रेंडली पुलिसिंग के दावे पुलिस की ओर से किए जाते हैं, लेकिन बिहार में बिल्कुल इसके उलट एक घटना देखने को मिली है, जिससे पुलिस की छवि जनता की नजरों में धुमिल हुई है. बिहार के शेखपुरा जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा नजर आया है.
यहां एक थाना प्रभारी ने एक ई-रिक्शा चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी. थाना प्रभारी ने रिक्शा चालक को सिर्फ इसलिए बेहरमी से पीटा क्योंकि उसने थाना प्रभारी को रास्ता नहीं दिया. इतना ही नहीं जब थाना प्रभारी का गुस्सा शांत हुआ तो रिक्शा चालक को थाने ले जाया गया. फिर उससे थूक चाटने और मांफी मांगने के लिए कहा गया.
थाना प्रभारी सस्पेंड
ये मामला जैसे ही एएसपी राकेश कुमार के संज्ञान में आया उन्होंने तुरंत आरोपी थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. ये पूरी घटना जिले के मेहूस थाना इलाके की बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार, सोमवार देर शाम को पीड़ित ई-रिक्शा चालक मेहुस गांव का रहने वाला प्रद्युमन कुमार शाम को सवारी उतारकर घर जा रहा था, तभी थाना प्रभारी प्रवीण चंद्र दिवाकर सादे कपड़ों में उसके पीछे बुलेट से आ रहे था.
थाना प्रभारी पर क्या हैं आरोप
थाना प्रभारी रास्ता देने के लिए हॉर्न बजा रहा था, लेकिन ई-रिक्शा को निकलने के लिए जगह नहीं मिल रही थी. इसके बाद थाना प्रभारी को गुस्सा आ गया. फिर थाना प्रभारी ने डंडे से प्रद्युमन कुमार को पीटा. इसके बाद थाना प्रभारी ने थाने से अन्य पुलिसकर्मियों को बुलाया और ई-रिक्शा चालक को थाने ले जाया गया. आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों के सामने उससे थूक चटवाया गया. जाति पूछकर आपत्तिजनक शब्द कह गया.
इसके बाद माफी मांगने पर उसको छोड़ा गया. वहीं थाना प्रभारी प्रवीण चंद्र दिवाकर ने कहा कि ई-रिक्शा चालक को इसलिए थाने ले जाकर पीटा गया क्योंकि उसने गश्त कर रही एक महिला सिपाही को देखकर सीटी मारी थी.