भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान हुई भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों ने भयावह स्थिति का आंखों देखा हाल बताया है। उन्होंने बताया कि एक ही रास्ते से एंट्री और एग्जिट था, और एग्जिट गेट बंद करके वहीं से वीआईपी एंट्री कराई गई थी, जिससे आम भक्तों के लिए कोई अलग रास्ता नहीं था। इस बीच पुलिस भीड़ को संभालने में नाकाम रही। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रथ के सामने पूजा सामग्री से लदे दो ट्रक घुस आए, इससे कई भक्त उससे टकराकर गिर पड़े और भगदड़ मच गई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे के वक्त मौके पर कोई पुलिसकर्मी नहीं था और एंबुलेंस एक किलोमीटर दूर खड़ी थी, जिससे घायलों को लोग हाथों पर उठाकर ले गए। एक मृतका के पति ने प्रशासन की लापरवाही का आरोप लगाकर कहा कि उनकी पत्नी पानी मांगती रही लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। यह हादसा गुंडिचा मंदिर के पास रविवार सुबह 4:20 बजे हुआ, जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हुए। जगन्नाथ जी का रथ बाद में पहुंचने से दर्शन की होड़ लग गई, जिससे भीड़ अनियंत्रित हो गई।
पुरी की रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को उनकी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर के सामने 9 दिन के लिए खड़ा कर दिया जाता है। यहां बलभद्र और सुभद्रा के रथ पहले पहुंच चुके थे। जगन्नाथ रथ बाद में पहुंचा, जिससे लोगों में उसके दर्शन करने की होड़ लग गई। इसी दौरान भगदड़ मची, जिसमें गिरने से कई लोग कुचल गए। बताया जा रहा है कि घटना के समय वहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं था। हादसे में मारे गए लोगों के नाम बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास हैं। इनके शव पुरी मेडिकल कॉलेज में रखे गए हैं।
जगन्नाथ रथयात्रा में भगदड़, प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, एक ही रास्ते से एंट्री और एग्जिट
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