वाशिंगटन। इजराइल-ईरान युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा खुलासा किया है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें पता था कि ईरान पर इजराइल अटैक करेगा। उन्होंने ही इजराइल को लंबे वक्त से ईरान पर हमला करने से रोक रखा था। उन्होंने कबूल किया कि उन्हें और अमेरिकी प्रशासन को इजराइली अटैक की पूरी जानकारी थी। उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है। ईरान को न्यूक्लियर डील कर लेनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने खुलासा किया कि उनकी टीम ने इजराइल के हवाई हमलों की भविष्यवाणी की थी। अमेरिका ने इजराइल के अटैक को रोकने के प्रयास किए थे। उन्होंने कहा कि हमें सब कुछ पता था। मैंने ईरान को अपमान और मौत से बचाने की कोशिश की। क्योंकि मैं एक समझौता होते देखना पसंद करत हूं, हालांकि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है। वे अब भी समझौता कर सकते हैं। ट्रंप ने पब्लिकली चेतावनी दी थी कि ईरान से अगर परमाणु बातचीत विफल हो जाती है तो इजराइल उस पर अटैक करेगा। ईरान पर बमबारी होगी, यह पूरी दुनिया को पहले ही पता था। 13 जून को इजराइल ने ईरान में अटैक किया। इजराइली हमले में ईरानी आर्मी चीफ, टॉप कमांडर और न्यूक्लियर साइंटिस्ट मारे गए। नतांज समेत कई परमाणु ठिकाने भी तबाह हो गए।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या ईरानी बदले के मामले में अमेरिका इजराइल का समर्थन करेगा तो उन्होंने कहा, ‘हम इजराइल के बहुत करीब हैं। हम उनके सबसे बड़े सहयोगी हैं…देखते हैं क्या होता है।
बता दें ईरान ने जब शुक्रवार रात को अटैक किया तो इजराइल की मदद अमेरिका ने की। दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी बलों ने इजराइल की ओर की ओर दागी गई ईरानी मिसाइलों को रोकने में मदद की, जिसे अमेरिकी समर्थन का स्पष्ट संकेत है। इजराइल-ईरान युद्ध की वजह से अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता का भविष्य अधर में लटका गया है। रविवार को ओमान में होने वाले छठे दौर की वार्ता अब अनिश्चित लग रही है।
बता दें डोनाल्ड ट्रंप की वार्ता के दौरान अहम मांग यह रही है कि ईरान यूरेनियम संवर्धन को रोक दे, जिसे तेहरान ने विरोध किया है। इसके कारण ही समझौता मुश्किल हो गया है। वैसे भी इजराइल के हमलों से पहले ही ट्रंप ने संकेत दिया था कि ईरान पर सैन्य कार्रवाई कभी भी हो सकती है।