जूना अखाड़ा की महामंडलेश्वर साध्वी ईश्वरीनंदगिरी दो साल की विशेष यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य समाज में अच्छे संस्कार, नशा मुक्ति और गौ संरक्षण का संदेश फैलाना है। झुंझुनूं पहुंचने पर उन्होंने स्वर्णकार बगीची में प्रबुद्धजनों की गोष्ठी को संबोधित किया। साध्वी ईश्वरीनंदगिरी ने कहा कि आज के बच्चों का नैतिक पतन मोबाइल और गूगल के कारण हो रहा है। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे केवल जरूरत पड़ने पर ही बच्चों को मोबाइल दें। साथ ही मोबाइल कंपनियों को चेताते हुए कहा कि बच्चों को बिगाड़ने वाली सामग्रियों को तत्काल बंद किया जाए।
“आज की पत्नियां पतियों को सीमेंट में चुनवा रही हैं”
अपने संबोधन में साध्वी ने महिलाओं के बदलते व्यवहार पर चिंता जताते हुए कहा, “पहले पतियों को परमेश्वर माना जाता था, लेकिन आज कुछ महिलाएं पतियों को मार रही हैं, टुकड़े कर फ्रीज में रख रही हैं, यहां तक कि सीमेंट में चुनवा रही हैं।” उन्होंने इसे भारतीय नारी की देवी और लक्ष्मी के स्वरूप के खिलाफ बताया।
राजस्थान को बनाना है नशा मुक्त और संस्कारवान
साध्वी ने अपने राजस्थान यात्रा के उद्देश्यों को साझा करते हुए कहा कि राज्य को नशा मुक्त करना, गायों की हत्या पर रोक लगाना और समाज में संस्कारों की पुनर्स्थापना करना उनका लक्ष्य है।
भव्य स्वागत और ठंडे पानी की व्यवस्था का शुभारंभ
झुंझुनूं में साध्वी का स्वागत भाजपा के पूर्व शहर अध्यक्ष राकेश सहल और स्थानीय नागरिकों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उन्होंने स्वर्णकार बगीची में ठंडे पानी की सुविधा का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर अनिल जोशी, विनोद पंसारी, चंद्रप्रकाश जोशी, राकेश कड़ेल, उमाशंकर महमिया, पंडित हरिशंकर शुक्ला, गोपाल सोनी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।