सूरत, गुजरात: गुजरात पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसने पिछले छह महीनों में 89 भारतीय बैंक खातों का इस्तेमाल कर 1455 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। इस गिरोह के तार क्यूबा, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों से जुड़े बताए जा रहे हैं।

कैसे सामने आया घोटाला?

यह पूरा मामला तब सामने आया जब पिछले महीने (मई, 2025 में) उधना पुलिस स्टेशन में नियमित वाहन जांच के दौरान एक व्यक्ति को संदिग्ध स्टाम्प और बैंक किट के साथ पकड़ा गया। उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने मोटा वराछा में एक कार्यालय पर छापा मारा और किरात जादवानी, मीत खोखर और मयूर इटालिया नामक तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके से कई आपत्तिजनक दस्तावेज, नकदी और बैंकिंग किट भी बरामद कीं।

ठगी का तरीका और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि गिरफ्तार किए गए आरोपी अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों को कमीशन के आधार पर बैंक खाते उपलब्ध करा रहे थे। ये 89 बैंक खाते जरूरतमंद लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग करके निजी बैंकों जैसे आरबीएल, एक्सिस, यस बैंक और कोटक महिंद्रा की सूरत स्थित शाखाओं में खोले गए थे।

इन खातों का उपयोग "डिजिटल गिरफ्तारी" (जहां ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं), ऑनलाइन सट्टेबाजी, कार्य धोखाधड़ी, शेयर बाजार धोखाधड़ी, ऑनलाइन धोखाधड़ी और ओटीपी धोखाधड़ी जैसे विभिन्न साइबर अपराधों से अर्जित धन को जमा करने के लिए किया जा रहा था। पुलिस उपायुक्त (जोन-2) भागीरथ गढ़वी ने बताया कि पिछले छह महीनों में इन 90 आरबीएल बैंक खातों में 1,455 करोड़ रुपये के लेनदेन दर्ज किए गए हैं, जिनमें से कुछ खातों में तो 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपये तक के लेनदेन हुए थे।

शिकायतों का अंबार और आगे की जांच

राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायतों में भी इन खातों का लिंक पाया गया है। पुलिस के अनुसार, भारत भर से लगभग 2,500 साइबर अपराध शिकायतें, जिनमें से 265 गुजरात से और 36 अकेले सूरत से थीं, इन 165 बैंक खातों (जिनमें से 89 सक्रिय रूप से उपयोग किए जा रहे थे) से जुड़ी हुई थीं।

पुलिस का अनुमान है कि अभी 75 अन्य संदिग्ध खातों की जांच बाकी है, जिससे ठगी की कुल राशि 2,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। इस बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ गुजरात पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, जो देश में बढ़ते साइबर अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और इसके पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रही है।