
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत दुनियाभर में अपने प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान की पोल खोल रहा है. दुनिया को आतंकवाद से सचेत रहने और पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा रहा है. इस बीच लंदन में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद सामिक भट्टाचार्य ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत दुनिया से कोई एहसान नहीं मांग रहा, बल्कि आतंकवाद के बढ़ते खतरे के खिलाफ एक साफ चेतावनी दे रहा है. उन्होंने कहा, "हम किसी के दरवाजे पर भीख का कटोरा लेकर नहीं खड़े हैं, हम आपको सिर्फ आगाह करने आए हैं कि जो आज हमारे साथ हो रहा है, वो कल आपके साथ भी हो सकता है."
आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक पीएम मोदी
यूके यात्रा पर आए भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भट्टाचार्य ने कुछ वैश्विक ताकतों के दोहरे रवैये पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, "कुछ देश हथियार बेचने के लिए अपना रुख बदलते हैं और हमें संवाद की सलाह देते हैं. वो कहते हैं बातचीत से सब ठीक हो सकता है, लेकिन उनका उद्देश्य कुछ और होता है." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक कद को रेखांकित करते हुए कहा, "आज पूरी दुनिया 'मोदी-मोदी' के नारे लगा रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का प्रतीक बन चुके हैं."
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कूटनीतिक वार
इस दौरे का उद्देश्य 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का कड़ा संदेश वैश्विक मंचों पर पहुंचाना है. इस हमले में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों द्वारा 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी. जवाबी कार्रवाई में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया.
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन?
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद कर रहे हैं. अन्य सदस्यों में टीडीपी नेता दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, उद्धव गुट से प्रियंका चतुर्वेदी, भाजपा के गुलाम अली खताना, कांग्रेस से डॉ.अमर सिंह, एमजे अकबर और पूर्व राजदूत पंकज सारण शामिल हैं. यह टीम फ्रांस, इटली और डेनमार्क के दौरे के बाद शनिवार को लंदन पहुंची है.
स्पष्ट एजेंडा
यह दौरा मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सात अंतरराष्ट्रीय अभियानों में से एक है, जिसका मकसद है- आतंकवाद के प्रति भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर दोहराना, पाकिस्तान की आतंकी संरचनाओं को बेनकाब करना और भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करना है.