प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महीने में गुरुवार को दूसरी बार बिहार के दौरे पर पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार का दौरा कई मायने में अलग रहने वाला है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार आ रहे पीएम मोदी विकास की सौगात देने के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव का भी बिगुल फूंकेंगे. 50 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के साथ-साथ पीएम मोदी रोड शो और जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके अलावा बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पार्टी नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे तो सहयोगी दलों के नेताओं से राजभवन में मिलेंगे.
बिहार के विकास को लेकर इस तरह प्रधानमंत्री मोदी का महत्वपूर्ण दौरा है लेकिन सब की नजर इस पर रहेगी कि पटना में नीतीश कुमार से प्रधानमंत्री की विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक होती है या नहीं. सीट शेयरिंग को लेकर कोई बात आगे बढ़ती है या नहीं या एनडीए के घटक दलों को अभी और इंतजार करना होगा.
पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के दौरे से सीधे गुरुवार शाम को पटना पहुंचेंगे. बिहार यात्रा के पहले दिन पीएम मोदी पटना हवाईअड्डा के नए टर्मिनल का उद्घाटन और बिहटा के हवाईअड्डा का शिलान्यास करेंगे. इसके बाद शाम में पटना हवाईअड्डा से लेकर आयकर गोलंबर तक करीब चार किलोमीटर लंबा रोड-शो करके सियासी माहौल बनाने की कवायद करेंगे. इस तरह बिहार चुनाव से पहले पीएम मोदी का 2 दिवसीय दौरा बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के लिए काफी अहम माना जा रहा है.
पटना में पीएम मोदी का रोड शो
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी पहली बार बिहार दौरे पर आ रहे हैं तो बीजेपी ने इसे यादगार बनाने का प्लान बनाया है. राजधानी पटना में पीएम मोदी रोड शो करेंगे. 45 मिनट के रोड शो में प्रधानमंत्री पटना एयरपोर्ट से डुमरा चौकी, बेली रोड, आयकर गोलंबर होते हुए वीरचंद पटेल पथ स्थित बीजेपी दफ्तर पहुंचेंगे. रोड शो के दौरान 32 स्थानों पर उनका स्वागत और अभिनंदन किया जाएगा. प्रधानमंत्री पटना में दूसरी बार रात्रि-विश्राम और रोड शो करने जा रहे हैं.
इससे पहले 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान रोड शो करके सियासी माहौल बनाया था, उसी तर्ज पर पीएम मोदी ने फिर से 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सियासी संदेश देने की स्ट्रैटेजी अपनाई है.
बीजेपी दफ्तर में नेताओं से मुलाकात
पीएम मोदी रोड शो के बाद बीजेपी के पटना कार्यालय जाएंगे. वहां पार्टी पदाधिकारियों, कोर कमेटी के सदस्यों और सांसदों-विधायकों के साथ बैठकें कर चुनावी तैयारियों पर विचार-विमर्श करेंगे. पीएम मोदी बीजेपी कार्यालय में पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर भविष्य की रणनीति बनाएंगे. जानकारी के मुताबिक इस बैठक में 175 से ज्यादा बीजेपी नेता मौजूद रहेंगे.
इस दौरान पीएम मोदी बीजेपी नेताओं की राय लेंगे और गंभीरता के साथ बिहार चुनाव 2025 के मुद्दों पर चर्चा करने के बाद स्पेशल रणनीति बनाने का काम करेंगे. इससे समझा जा सकता है कि पीएम मोदी विधानसभा चुनाव को लेकर कितने गंभीर है.
एनडीए नेताओं के साथ करेंगे मंथन
पटना में रोड शो और बीजेपी दफ्तर में पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद पीएम मोदी राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे. राजभवन में एनडीए के घटक दल के नेताओं से पीएम मोदी की मुलाकात की संभावना है. पीएम मोदी के साथ मंच शेयर करने के बाद राजभवन में भी मिलेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर सीएम नीतीश बात करने की कोशिश कर सकते हैं.
एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर पेचीदगी अभी सुलझी नहीं है. चिराग पासवान की पार्टी इस बार एनडीए का हिस्सा है. 2020 के विधानसभा चुनाव उसने अलग से लड़ा था. प्रधानमंत्री के दौरे पर सबकी नजर इसलिए है क्योंकि बिहार में एनडीए में अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है. पिछली बार जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना आए थे तो उस समय भी यह चर्चा हुई थी कि सीट शेयरिंग पर बात आगे बढ़ेगी. अब एक बार फिर से यह चर्चा है कि नीतीश और प्रधानमंत्री मोदी के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हो सकती है.
बिहार को विकास की सौगात देंगे पीएम
पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान 50,000 करोड़ से अधिक की योजनाओं की सौगात बिहार को देंगे. पटना में नए टर्मिनल का उद्घाटन के साथ-साथ बिक्रमगंज में हजारों करोड़ की योजना का तोहफा देंगे. रोहतास के बिक्रमगंज में पीएम मोदी कल शुक्रवार को रेलवे, सड़क, बिजली योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. वह 36,915 करोड़ की 4 योजनाओं का उद्घाटन करेंगे. साथ ही 12,952 करोड़ की 9 योजनाओं का नींव रखेंगे जबकि 835 करोड़ की तीन योजनाओं की भी शुरुआत करेंगे. यहां पर वह जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी करेंगे बात
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी पहली बार बिहार आ रहे हैं तो बात राष्ट्रवाद की जरूर होगी. पहलगाम हमले के बाद पीएम मोगी की पहली रैली बिहार में हुई थी, जहां से आतंकवादियों को कड़ा संदेश दिया था. पीएम मोदी ने मधुबनी रैली से पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को मिट्टी में मिलाने और उनके आकाओं को कल्पना से परे सजा देने का ऐलान किया था.
पीएम मोदी ने जो कहा था, उसे भारतीय सेना ने करके दिखाया. ऑपरेशन सिंदूर इसी का जीवंत उदाहरण है. पीएम मोदी ने बिहार की धरती से ही पहलगाम का बदला लेने की बात कही थी और अब जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिहार आ रहे हैं, तो साफ है कि एक बार फिर से सियासी संदेश देने की कवायद कर सकते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पीएम मोदी पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रुख अपना रखा है और अपनी हर रैली में राष्ट्रशक्ति का संदेश देते नजर आ रहे हैं.
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कह चुके हैं कि पीएम मोदी बिक्रमगंज की रैली में आतंकवाद पर दुनिया भर को संदेश देंगे. साथ ही कहा था कि यह रैली सिर्फ एक राजनीतिक सभा नहीं होगी बल्कि देश की शक्ति और सेना के शौर्य की चर्चा होगी. ऐसे में साफ है कि पीएम मोदी बिहार की भूमि से राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार देने की कवायद करते हुए नजर आएगे. इस तरह पीएम मोदी जहां एक ओर कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कोशिश करेंगे तो दूसरी तरफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सियासी तौर पर भूनाने की कोशिश भी होगी. पीएम के दौरे के बाद बिहार पूरी तरह चुनावी मोड में आ जाएगा.
पीएम मोदी का पांचवां बिहार दौरा
पीएम मोदी चार महीने में तीसरी बार बिहार आ रहे हैं जबकि लोकसभा चुनाव के बाद पांचवीं बार बिहार आ रहे हैं. पिछली बार 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर मधुबनी जिला के झंझारपुर में जनसभा की थी. इससे पहले 24 फरवरी को वह भागलपुर आए थे, तब उन्होंने किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी की थी. 15 नवंबर 2024 को जमुई में जनजातीय गौरव उत्सव दिवस के उद्घाटन और दो दिन बाद दरभंगा में एम्स के शिलान्यास के लिए पहुंचे थे. ये सभी दौरे लोकसभा चुनाव के बाद हुए हैं.
बिहार में पीएम मोदी के दौरे और जनसभाएं विशेषकर उन परिक्षेत्रों में हो रही हैं, जहां बीजेपी की चुनावी संभावना प्रभावित होती रही है. बिक्रमगंज की जनसभा का संदेश मगध और शाहाबाद तक जाएगा. दक्षिण बिहार का यह क्षेत्र बीजेपी के लिए उत्तर बिहार की तुलना में कम उर्वर है. पार्टी का लक्ष्य वहां विधानसभा चुनाव में अपनी संभावनाओं के फलक को आगे बढ़ाने का है. जनसभा से मोदी उसके लिए पृष्ठभूमि बनाने का भरसक प्रयास करेंगे. इसके अलावा पीएम मोदी केवल विकास योजनाओं और परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास ही नहीं बल्कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे और अपने समृद्ध चुनावी अनुभव के टिप्स भी साझा करेंगे.
साल 2014 में देश की कमान संभालने के बाद से पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने बीजेपी को एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर प्रदर्शन कर जीत दिलाई है. ये जोड़ी बूथ लेवल मैनेजमेंट को अपनी रणनीति का केंद्र मानती है, लेकिन बिहार की जंग फतह नहीं कर सकी. हालांकि सीएम नीतीश कुमार की बैसाखी के सहारे ही बीजेपी बिहार में सत्ता का स्वाद चखने में कामयाब रही है.
बीजेपी अपने दम पर कभी भी बिहार की सत्ता में नहीं आ सकी है. ऐसे में बीजेपी को सियासी बुलंदी पर पहुंचने के बाद पीएम मोदी की ख्वाहिश इस राज्य में अपनी पार्टी का सीएम बनाने की है. इसके लिए पूरी ताकत पीएम मोदी ने लगा दी है और पिछले सात महीने में पांचवां बिहार दौरा कर रहे हैं.