महाराष्ट्र के पुणे में एनसीपी नेता राजेंद्र हगवणे की बहू वैष्णवी की आत्महत्या का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. इस मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. वैष्णवी के पति, सास और ननद को गिरफ्तार कर लिया गया है. इन तीनों पर वैष्णवी को दहेज के प्रताड़ित और आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप लगा है.

वैष्णवी के ससुर राजेंद्र हगवणे उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं. घटना 16 मई की है. यहां भुक्रम क्षेत्र में वैष्णवी का ससुराल है. 16 मई को वैष्णवी की लाश फांसी के फंदे से लटकी मिली थी. बवधन पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में वैष्णवी के पिता अनिल साहेबराव कासपाटे (51) ने आरोप लगाया है कि शादी के समय उन्होंने अपनी बेटी को 51 तोले सोना, चांदी के बर्तन और एक फॉर्च्यूनर एसयूवी दहेज में दी थी. बावजूद इसके, वैष्णवी के ससुरालवाले उस पर मानसिक और शारीरिक दबाव बना रहे थे कि वह 2 करोड़ रुपये और लाकर दे, जिससे वो संपत्ति खरीद सकें.

ससुर-देवर दोनों फरार
एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि वैष्णवी के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे परिजन इसे आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या मान रहे हैं. उनका आरोप है कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दी गई है. पुलिस ने वैष्णवी के पति शशांक हगवणे, सास लता हगवणे और ननद करिश्मा हगवणे को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, एनसीपी नेता और ससुर राजेंद्र हगवणे तथा देवर सुशील हगवणे फरार हैं. बवधन पुलिस का कहना है कि फरार आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.

2 करोड़ कैश की डिमांड
वैष्णवी के परिवार का आरोप है कि उसके पति शशांक ने ससुराल वालों से जमीन खरीदने के लिए वैष्णवी से 2 करोड़ रुपये की मांग की थी. पैसा नहीं मिला तो शशांक अपनी ससुराल पहुंचा. वहां उसने वैष्णवी को धमकाया. कहा- तुम्हारे पिता ने मुझे कोई पैसा नहीं दिया. मैं तुम्हें मुफ्त में क्यों खिलाऊंगा? अगर तुम्हारे पिता ने मुझे कोई पैसा नहीं दिया, तो मैं तुम्हारे पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा. एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि वैष्णवी ने अपनी मां को इस बारे में बताया था.

सुसाइड नोट नहीं मिला
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मौत का कारण फांसी है. लेकिन मृतका के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, इसलिए हम सभी संभावित एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा- मामला केवल आत्महत्या का नहीं हो सकता, इसलिए हत्या की आशंका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा रहा. यह मामला सामने आने के बाद न केवल पिंपरी-चिंचवड़ बल्कि पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मच गया है. एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े नेता के परिवार का नाम सामने आना, कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहा है.