
बिहार के सारण में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सब सोचते होंगे कि ये भाई ये आदमी इतना बढ़िया-बढ़िया बतिया रहा है अपने लिए क्या चाहता है? वोट भी नहीं मांगा और न ही पैसा चंदा लिया तो फिर ये इतना मेहनत क्यों कर रहा है? कुछ लोग कह रहे हैं कि हम मुख्यमंत्री बनने आए हैं. आप हमको नहीं जानते हैं हम इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुए हैं.
एक-दो नहीं 10-10 मुख्यमंत्री को बनाने में कंधा लगाए हैं, ये मुख्यमंत्री बनने के लिए इतना मेहनत नहीं कर रहे हैं. ये पसीना इसलिए बहा रहे हैं कि एक सपना लेकर आए हैं कि अपने जीवन काल में एक ऐसा भी दिन देखें जब इसी बिहार में हरियाणा-पंजाब और गुजरात से लोग मजदूरी करने आएं, तब मानेंगे कि बिहार में विकास हुआ.
जनता से पूछते हुए उन्होंने कहा कि होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए, जरा सभी लोग बताइए. उन्होंने कहा कि आपको अगर मेरा सुझाव ठीक लगा तो एक बार हाथ उठाकर सुझाव दीजिए. बिहार में इसी तरह के बदलाव का अभियान चलना चाहिए.
बिहार में नई परंपरा शुरू हुई है
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं और हम उनसे पूछते हैं कि अगर मैं आपके निर्देशों का पालन नहीं करूंगा तो वे क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बारे में कोई आदेश नहीं है, हमें पहले पूछना चाहिए. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी ने यहां अच्छी सड़कें बनाई हैं और ऐसा पूरे बिहार में होना चाहिए.
यह बिहार में नई परंपरा शुरू हुई है, दो दिन पहले राहुल गांधी बिहार में थे. ऐसी चीजें बिहार में आम नहीं थीं. मुझे नहीं लगता कि नीतीश कुमार ऐसे आदेश दे सकते हैं, राज्य में अधिकारियों का जिस तरह का ‘जंगल राज’ चल रहा है.