रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज सुशासन तिहार के अंतर्गत ग्राम मुरमुंदा में अटल विहार योजना के तहत निर्मित 226 नये आवासों का विधिवत लोकार्पण किया और हितग्राहियों को उनके सपनों का घर सौंपा। इस अवसर पर उन्होंने भवन क्रमांक 226 के स्वामी तुषार साहू को गृहप्रवेश करते हुए कहा कि आज हम आपको सिर्फ घर नहीं बल्कि आपके सपनों का घर सौंप रहे हैं। यह क्षण न सिर्फ आपके जीवन में बल्कि सरकार के कल्याणकारी प्रयासों में भी एक यादगार मील का पत्थर है। मुख्यमंत्री ने सभी हितग्राहियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के हर नागरिक को सम्मानजनक और सुरक्षित आवास मिले। उन्होंने कहा कि अटल विहार जैसी योजनाएं न सिर्फ आम जनता को आवास की सुविधा उपलब्ध कराती हैं, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा भी उपस्थित थे।
वर्षों का सपना हुआ साकार
मकान क्रमांक 226 के हितग्राही तुषार साहू मुख्यमंत्री के हाथों गृह प्रवेश पाकर अभिभूत हो गए और कहा कि उन्होंने हमेशा से सुंदर, स्वच्छ और शांतिपूर्ण वातावरण में रहने का सपना देखा था। वर्षों का यह सपना आज साकार हो गया। मुख्यमंत्री द्वारा गृह प्रवेश मेरे लिए गौरव और भावना का क्षण है। उन्होंने बताया कि यह 2 बीएचके मकान सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है और बाजार मूल्य की तुलना में किफायती भी है। इस अवसर पर श्री साहू अपने माता-पिता और परिवार के सदस्यों के साथ मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने उनके मकान का निरीक्षण भी किया और निर्माण गुणवत्ता की सराहना की।
कई हितग्राहियों को मिली चाबियां
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रूपनारायण देवांगन, श्री अरुण साहू और श्री चंद्रशेखर राठौर को उनके मकान की चाबियां भी सौंपी। भवन क्रमांक 215 के मालिक श्री अरुण साहू जो भिलाई इस्पात संयंत्र में पदस्थ हैं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति से पहले अपने सपनों के मकान में प्रवेश करना मेरे जीवन का सबसे सुखद एहसास है। अटल विहार योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने हमें वह अवसर दिया है जिसका वर्षों से इंतजार था।
उज्ज्वल आवासीय भविष्य की सौगात
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा संचालित अटल विहार योजना के अंतर्गत ग्राम मुरमुंदा में लगभग 10 एकड़ भूमि पर 24 करोड़ 57 लाख 98 हजार रुपए की लागत से कुल 226 स्वतंत्र मकान और 12 दुकानों का निर्माण किया गया है। इनमें से 55 भवन ईडब्ल्यूएस श्रेणी, 69 एलआईजी-ए टाइप, 86 बी टाइप, 16 एमआईजी टाइप के हैं। सभी भवनों का विक्रय पूर्ण हो चुका है तथा 7 भवनों की रजिस्ट्री भी हो चुकी है।