कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की सराहना करने के लिए आज इंदौर में तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा में मुख्यमंत्री मोहन यादव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल होने पहुंचे। यात्रा के मार्ग पर 150 स्वागत मंच बनाए गए हैं। यात्रा में सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन, औद्योगिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन, महिला संगठन और धार्मिक संगठन भी सहभागिता कर रहे हैं। यात्रा में सबसे आगे डीजे है बीच में जगह-जगह बैंड, झांकी और रथ हैं। शाम को 5.30 बजे बड़ा गणपति चौराहा से तिरंगा यात्रा शुरू हुई जो राजवाड़ा तक पहुंचेगी। यात्रा में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए इंदौर के सुशील नाथनियाल की पत्नी जेनिफर नाथनियाल भी शामिल हुईं हैं।

 

 

शहर के हर कोने से पहुंचे लोग

भाजपा की शहर इकाई द्वारा इस तिरंगा यात्रा को आयोजित किया गया है। भाजपा ने आयोजन को भाजपा के आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि समाज के आयोजन के रूप में मनाया। इस आयोजन के लिए भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, सुधीर कोल्हे और सभी विधायकों ने अलग अलग जिम्मेदारियां ली। पार्टी द्वारा हर दिन सुबह से लेकर रात तक अलग-अलग समय पर अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग बैठक का आयोजन किया गया। इस यात्रा के मार्ग में 150 मंच बने और इन सभी मंचों से यात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। इस यात्रा में सबसे पहले 20 घोड़े पर महापुरुष के भेष में नागरिक सवार हैं। इसके पीछे डीजे की गाड़ी है और उसके बाद में अल्पसंख्यक वर्ग का बैंड और उनका जत्था है। इस यात्रा के पूरे मार्ग को आठ हिस्से में विभक्त करते हुए भाजपा के आठ विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को उसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

 

सोफिया कुरैशी के रूप में भी घोड़े पर सवार हुई युवती

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी के रूप में एक युवती तैयार होकर घोड़े पर सवार हुई। यह युवती इस तिरंगा यात्रा में सबसे आगे 20 महापुरुषों के रूप में घोड़े पर सवार लोगों के साथ चली। तिरंगा यात्रा के लिए नगर निगम द्वारा तिरंगा रथ बनाया गया है। आयशर गाड़ी पर बनाए गए इस रथ में चारों तरफ तिरंगा लगाया गया है। 


बोहरा समाज के तीन और मुस्लिम समाज का एक बैंड 

तिरंगा यात्रा में अल्पसंख्यक वर्ग की सहभागिता को सुनिश्चित किया गया। इस यात्रा में बोहरा समाज के तीन स्काउट के बैड शामिल हैं। इसके साथ ही मुस्लिम समाज का भी एक बैंड शामिल है। बोहरा समाज के बैंड के साथ बोहरा समाजजन परंपरागत वेशभूषा में चले। मुस्लिम समाज के बैंड के साथ 1000 मुस्लिम नागरिक परंपरागत वेशभूषा कुर्ता-पजामा पहनकर व टोपी लगाकर चले। इस यात्रा में सिख समाज के 700 पुरुष और 300 महिलाएं शामिल हैं। यह सभी लोग खालसा स्कूल के मैदान में एकत्रित हुए और वहां से जुलूस के रूप में इस यात्रा में भाग लेने के लिए बड़ा गणपति चौराहा पर पहुंचे। 


यह सब रहा खास

राजपूत समाज के 23, ब्राह्मण समाज के 20, सिंधी समाज के 500 नागरिकों ने भाग लिया। 
अग्रवाल समाज, पाटीदार समाज, बंजारा समाज, कायस्थ समाज और बंगाली समाज के लोगों ने बैनर के साथ यात्रा में भाग लिया। 
महाराष्ट्रीयन समाज के नागरिक भजन मंडली के साथ महाराष्ट्रीयन वेशभूषा में शामिल हुए। 
15 कॉलेज और स्कूलों का स्टाफ, 9 बड़ी कोचिंग क्लास के विद्यार्थी भी पहुंचे। 
ओलंपिक संगठन, कुश्ती संगठन, फुटबॉल संगठन के खिलाड़ी भी यात्रा में पहुंचे। 
तिरंगा यात्रा में अदर बैकवर्ड कास्ट ओबीसी के 23 संगठनों ने भाग लिया। 
अनुसूचित जाति समाज के 73 संगठन कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए।
सब्जी मंडी, अनाज मंडी और मजदूर चौक पर काम करने वाले लोग शामिल हुए।
भगवा रिक्शा संगठन के सदस्य भी पहुंचे। 
कामगारों के 37 संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे। 
वैष्णव ट्रस्ट, गुजराती ट्रस्ट के साथ ही शहर के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अधिवक्ताओं के संगठन भी इस तिरंगा यात्रा में आए। 
शहर के विभिन्न महिला संगठन कार्यकर्ताओं के साथ इस यात्रा में आए। 
भाजपा के सभी 35 मंडल से आने वाले कार्यकर्ता अपने विधानसभा क्षेत्र के विधायक के साथ इस यात्रा में शामिल हुए।