थोक मूल्य मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 0.85 प्रतिशत रह गई, जो मार्च में 2.05 प्रतिशत थी। बुधवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में गिरावट के कारण अप्रैल में थोक मूल्य मुद्रास्फीति घटकर 0.85 प्रतिशत रह गई। मार्च में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 2.05 प्रतिशत थी। पिछले साल अप्रैल में यह 1.19 प्रतिशत थी। उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अप्रैल में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, परिवहन उपकरण और मशीनरी के विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में खाद्य पदार्थों में 0.86 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि मार्च में मुद्रास्फीति 1.57 प्रतिशत थी। सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई।
अप्रैल में सब्जियों की कीमतों में 18.26 प्रतिशत की गिरावट आई
अप्रैल में सब्जियों की कीमतों में 18.26 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मार्च में गिरावट 15.88% थी। अप्रैल में प्याज की महंगाई दर घटकर 0.20 प्रतिशत रह गई, जबकि मार्च में यह 26.65 प्रतिशत थी। हालांकि, अप्रैल में विनिर्मित उत्पादों की महंगाई दर 2.62 प्रतिशत रही, जबकि मार्च में यह 3.07 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली की कीमतों में भी अप्रैल में 2.18 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि मार्च में यह 0.20 प्रतिशत थी।
खुदरा महंगाई दर 6 साल के निचले स्तर पर पहुंची
इससे पहले मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 3.16 प्रतिशत रही, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। जुलाई 2019 में यह 3.15 प्रतिशत थी। खाद्य महंगाई दर अप्रैल में घटकर 1.78 प्रतिशत रह गई, जो मार्च में 2.69 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल में 8.7 प्रतिशत थी। यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, फलों, दालों और अन्य प्रोटीन युक्त वस्तुओं की कीमतों में नरमी के कारण हुई।
खुदरा मुद्रास्फीति संतोषजनक दायरे में बनी हुई है
अभी तक खुदरा मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक दायरे में बनी हुई है। सरकार ने आरबीआई को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत पर बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है। पिछले महीने खाद्य मुद्रास्फीति 1.78 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने 8.7 प्रतिशत थी। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 2.69 प्रतिशत थी।
2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान चार प्रतिशत
भारतीय रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत (±2 प्रतिशत) के दायरे में बनाए रखने का लक्ष्य दिया गया है। मूल्य स्थिति में सुधार के बाद आरबीआई ने दो किस्तों में प्रमुख ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।