भारत-पाकिस्तान बढ़ते टकराव के बीच भारतीय शेयर बाजार में पिछले सप्ताह दो सत्रों में बिकवाली का दबाव देखा गया. गुरुवार को गिरावट के बाद, शुक्रवार को शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांकों में भारी बिकवाली का दबाव देखने को मिला. अब, निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या उन्हें इस गिरावट का उपयोग अगले हफ्ते बाजार के फिर से खुलने पर बॉटम-फिशिंग के अवसर के रूप में करना चाहिए या थोड़ा और इंतजार करने की जरुरत है? बुद्ध पूर्णिमा 2025 पूरे देश में 12 मई 2025 को मनाई जाएगी, यानी अगले सप्ताह सोमवार को कुछ बाजार जानकार और निवेशक इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि सोमवार को इस मौके पर शेयर बाजार खुला रहेगा या नहीं. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस भ्रम से कैसे बचा जाए? आइए आपको भी बताते हैं…
क्या सोमवार को ओपन होगा शेयर बाजार?
भ्रम से बचने के लिए, निवेशकों और शेयर बाजार जानकार बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट – पर स्टॉक मार्केट हॉलिडेज़ 2025 लिस्ट को देख सकता है. वेबसाइट के टॉप पर, कोई भी ट्रेडिंग हॉलिडेज़ टूलबार पर क्लिक कर सकता है. 2025 में स्टॉक मार्केट हॉलिडेज़ की लिस्ट सामने आ जाएगी. इस लिस्ट में साफ किया गया है कि बुद्ध पूर्णिमा 2025 त्यौहार होने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार 12 मई 2025 को खुला रहेगा. इसका मतलब है कि NSE और BSE सोमवार को खुले रहेंगे. शेयर बाज़ार हॉलिडे लिस्ट के अनुसार, मई 2025 में सिर्फ़ एक शेयर बाज़ार की छुट्टी है – महाराष्ट्र दिवस, जो 1 मई 2025 को मनाया गया. इसलिए, मई 2025 में कोई छोटा कारोबारी सप्ताह नहीं है.
शेयर बाज़ार की 2025 में छुट्टियां
जून और जुलाई 2025 में शेयर बाज़ार की कोई छुट्टी नहीं होगी. 1 मई 2025 के बाद अगला शेयर बाजार अवकाश 15 अगस्त 2025 को होगा, जो स्वतंत्रता दिवस है. अगस्त 2025 में, स्वतंत्रता दिवस के बाद एक और शेयर बाज़ार की छुट्टी होगी, जो गणेश चतुर्थी है, जो 27 अगस्त 2025 को है. अक्टूबर 2025 में तीन शेयर बाज़ार की छुट्टियाँ होंगी – 2 अक्टूबर 2025 महात्मा गांधी जयंती/दशहरा के लिए, 21 अक्टूबर 2025 दिवाली के लिए, और 22 अक्टूबर 2025 दिवाली बलिप्रतिपदा के लिए. इसके बाद, 2025 में 5 नवंबर 2025 को प्रकाश गुरुपर्व श्री गुरु नानक देव और 25 दिसंबर 2025 को क्रिसमस को लेकर दो और शेयर बाज़ार की छुट्टिया होंगी.
लगातार दो दिनों तक आई गिरावट
शुक्रवार, 9 मई को फ्रंटलाइन इंडेक्स, सेंसेक्स, निफ्टी 50 और बैंक निफ्टी ने लगातार दूसरे सत्र में अपनी गिरावट को बढ़ाया. शेयर बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और इसके परिणामस्वरूप अनिश्चितता ने निवेशकों को सतर्क रखा. सेंसेक्स 880 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79,454.47 पर बंद हुआ. निफ्टी 50 दिन का कारोबार 266 अंक या 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,008 पर समाप्त हुआ. हालांकि, बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया और इनमें क्रमशः केवल 0.10 प्रतिशत और 0.30 प्रतिशत की गिरावट आई. बीएसई-सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र के ₹418.50 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹416.8 लाख करोड़ रह गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. साप्ताहिक स्तर पर बीएसई सेंसेक्स में 1.30 प्रतिशत की गिरावट आई और निफ्टी 50 में 1.40 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे उनकी तीन सप्ताह की बढ़त का सिलसिला टूट गया.