मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के निशाने पर अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जा चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी आ गए हैं। उन्होंने पचौरी पर बड़ा आरोप लगाया है। यादव ने कहा कि सुरेश पचौरी कहते थे इसे टिकट मत देना। इसे देना, इसे नहीं देना। उनका नाम टिकट कटाऊ नेताजी हो गया था। कोई भी अच्छा हो, मजबूत लीडर हो, उसको टिकट नहीं मिलना चाहिए, यह उनका क्राइटेरिया होता था। हमने मध्य प्रदेश में राहुल (गांधी) जी का आशीर्वाद लेकर टिकट कटाऊ नेताओं की एक नहीं सुनी। जब नगरीय निकाय का चुनाव हुआ, तब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सारे नौजवानों को टिकट देने का काम किया।

एक चुनावी सभा में यादव ने कहा कि  मुझे याद है जब मैं 2013 में अध्यक्ष बना तो मुझे होशंगाबाद आने में बड़ा डर लगता था। यहां के नेताओं को थोड़ा-बहुत पता होगा। डर क्यों लगता था? यह आप समझ जाइए। डर इसलिए लगता था क्योंकि यहां पर एक ऐसे नेता हमारे हुए। यहां अगर आना है तो परमिशन लेनी पड़ती थी कि मैं प्रदेश का अध्यक्ष हूं। लेकिन अगर आपकी इजाजत हो तो मैं यहां पर शादी में हो आऊं। या किसी के यहां माताजी खत्म हो गई तो मुझे जाना है। यहां आने के लिए परमिशन लेनी पड़ती थी।

अरुण यादव ने कहा कि मैं आपकी जानकारी में ला दूं कि हिंदुस्तान के इतिहास में और कांग्रेस के इतिहास में एक नेता ऐसा हुआ जो 30 साल तक बिना चुनाव लड़े राज्यसभा का सदस्य रहा। मंत्री रहा। कांग्रेस पार्टी के तमाम ओहदों पर रहे। जो कोई भी चुनाव नहीं लड़ा और अगर लड़ा तो एक बार 27 हजार, एक बार 32 हजार से हारे। हमने तो इस बार भी कहा था लड़ लीजिए। हमारी तरफ से तो कोई मना ही नहीं था। पता चला कि वे तो चुनाव की पहले ही चले गए।