स्पाइसजेट की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। ऐसे में एयरलाइन कम से कम 1,000 कर्मचारियों की छंटनी करने की प्लानिंग कर रहा है। दरअसल, एयरलाइन लागत को कम करने और विमान बेड़ें को संचालन को सुव्यवस्थित करने के लिए काम कर रही है।
स्पाइसजेट वित्तीय संकट, कानूनी लड़ाई और अन्य बाधाओं का सामना कर रही है। ऐसे में एयरलाइन के पास विमानों की संख्या की तुलना में अब अतिरिक्त जनशक्ति है। इस वजह से कंपनी छंटनी का फैसला ले सकती है। इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि छंटनी की मात्रा पर इस सप्ताह अंतिम फैसला होने की उम्मीद है।
स्पाइसजेट के अधिकारी के अनुसार एयरलाइन में लगभग 9,000 कर्मचारी हैं और अब कर्मचारियों की संख्या 10-15 प्रतिशत कम करने पर विचार कर रही है। एयरलाइन कुल लागत को कम करने के लिए छंटनी कर रही है। इस छंटनी से वह कंपनी 100 करोड़ रुपये तक की बचत कर सकती है।
15 फीसदी की कटौती का मतलब है कि लगभग 1,350 लोग अपनी नौकरियाँ खो देंगे।
किस विभाग में होगी सबसे ज्यादा छंटनी
स्पाइसजेट के अधिकारी ने कहा कि सभी विभागों में छंटनी की आशंका है। एयरलाइन फाइनल लिस्ट तैयार कर रही है। मैनेजमेंट और कंसल्टेंसी के कर्मचारियों को छुट्टी देने की रूपरेखा तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने सभी विभागों को अपने इनपुट देने के लिए कहा है।
फिलहाल, छंटनी को लेकर स्पाइसजेट की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
वर्तमान में क्या है स्पाइसजेट की आर्थिक स्थिति
वर्तमान में स्पाइसजेट के पास वेट लीज पर लिए गए 10 विमानों के अलावा 30 से अधिक विमानों का बेड़ा है। पिछले महीने एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान, स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने विवेकपूर्ण खर्च के महत्व पर जोर दिया और कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सभी प्रमुख खर्चों की निगरानी करेंगे।
स्पाइसजेट, जिसकी स्थापना के बाद से कई स्वामित्व परिवर्तन हुए हैं और वर्तमान में अजय सिंह द्वारा संचालित है, विभिन्न निवेशकों से धन जुटाने की प्रक्रिया में है। एयरलाइन ने 26 जनवरी को बताया कि उन्होंने 744 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
एयरलाइन ने सरकार की आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत लगभग 1,000 करोड़ रुपये का फंड भी लिया है और सिंह ने 500 करोड़ रुपये लगाने की प्रतिबद्धता जताई है। हाल के दिनों में, स्पाइसजेट ने बकाया भुगतान न करने के कारण पट्टादाताओं को अपने पट्टे पर लिए गए विमान वापस लेने के लिए कानूनी सहारा लेते देखा है।
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है और घरेलू हवाई यातायात ऊपर की ओर बढ़ रहा है। हालाँकि, स्पाइसजेट पिछले कुछ समय से संघर्ष कर रही है। 2023 में, वाहक ने 83.90 लाख यात्रियों को उड़ाया और घरेलू बाजार में इसकी हिस्सेदारी 5.5 प्रतिशत थी।