भोपाल । मप्र के सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में पिछले वर्ष से जांचें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से की जा रही हैं। अभी कुल मिलाकर 80 तरह की जांचें हो रही हैं। अब इनकी संख्या 260 तक करने की तैयारी है। सभी जांचें नि:शुल्क रहेंगी। इसके अतिरिक्त सभी दवाएं रोगियों को मिल सके, इसके लिए बजट भी बढ़ाया जा रहा है।प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कालेजों से संबद्ध अस्पतालों में जांचों और दवाओं की संख्या बढ़ेगी। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल के निर्देश के बाद विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। सभी अस्पतालों से उपलब्ध नहीं रहने वाली दवाओं की सूची मांगी गई है, जिससे उनकी खरीदी कारपोरेशन के माध्यम से की जा सके।लेखानुदान में दवाएं व अन्य सामग्री के लिए बजट का प्रविधान किया जाएगा। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि जांचों की संख्या बढ़ने पर दिल की बीमारियों का पता लगाने के लिए हार्ट मार्कर, कैंसर से जुड़ी प्रोटीन संबंधी महत्वूपर्ण जांचें होने लगेंगी। अभी इन जांचों के लिए निजी केंद्रों में रोगियों को तीन हजार से चार हजार रुपये तक खर्च करना पड़ता है। बढ़ी हुई जांचों की सुविधा मार्च से मिलने की उम्मीद है। बता दें कि पिछले सप्ताह समीक्षा बैठक में अस्पताल अधीक्षकों और डीन ने दवाओं की उपलब्धता नहीं होने की बड़ी वजह बजट का अभाव बताया था। इस पर उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा था कि अत्यावश्यक दवाओं की सूची (ईडीएल) में शामिल दवाएं रोगियों को हर हाल में मिलनी चाहिए, इसके लिए बजट की कमी नहीं आएगी।
अस्पतालों में जांचों और दवाओं की संख्या बढ़ेगी
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