भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि 21 सितम्बर को ओंकारेश्वर में हो रहा "स्टैच्यु ऑफ वननेस" का अनावरण कार्यक्रम पूर्ण गरिमा, भव्यता और दिव्यता के साथ किया जाए। कार्यक्रम में शामिल होने वाले देश के सभी प्रमुख साधु-संतों का परंपरागत स्वागत-सत्कार किया जाए। वर्षा ऋतु को देखते हुए आयोजन स्थल तथा यातायात व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन विशेष रूप से संवेदनशील और सतर्क रहे तथा बिन्दुवार प्लानिंग करें।
मुख्यमंत्री चौहान कार्यालय भवन समत्व में ओंकारेश्वर स्थित एकात्म धाम में एकात्मता की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। समत्व भवन में अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक से इन्दौर संभागायुक्त तथा खण्डवा कलेक्टर वर्चुअली जुड़े।
केरल की धार्मिक परम्पराओं के अनुसार होगा साधु-संत का स्वागत
मुख्यमंत्री चौहान 21 सितम्बर को प्रात: 11 बजे केरल की धार्मिक परम्पराओं अनुसार साधु-संतों का स्वागत करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री और पूज्य संतों द्वारा वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति दी जाएगी। इस अवसर पर देशभर की शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुतियों के साथ ही भारतीय प्रदर्शनकारी शैलियों के कलाकारों द्वारा आचार्य प्रवर्तित पंचायतन पूजा परंपरा का प्रस्तुतिकरण होगा। मुख्यमंत्री चौहान तथा पूज्य संतों द्वारा एकात्मता की मूर्ति के अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला-पूजन किया जाएगा। कुल 101 बटुकों द्वारा वेदोच्चार व शंखनाद के बीच मुख्यमंत्री चौहान और पूज्य संत एकात्मता की मूर्ति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान, संतगण और विशिष्टजन सहित ब्रह्मोत्सव के लिए प्रस्थान करेंगे।
ब्रह्मोत्सव में होगा संत विमर्श तथा मुख्यमंत्री का संबोधन
जानकारी दी गई कि सिद्धवरकूट पर ब्रह्मोत्सव होगा। इसमें शंकर संगीत वेदोच्चार, आचार्य शंकर के स्त्रोतों पर एकाग्र समवेत नृत्य प्रस्तुति "शिवोहम" तथा आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा प्रकाशित "एकात्म धाम" और अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। "एकात्मता की यात्रा" फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। ब्रह्मोत्सव में दोपहर को संत विमर्श और मुख्यमंत्री चौहान का संबोधन होगा। ब्रहृमोत्सव में लगभग 5 हजार संत-मनीषियों और विशिष्टजनों का समागम होगा।
वैदिक आर्चकों द्वारा किया जा रहा है हवन
मूर्ति अनावरण से पहले मान्धाता पर्वत पर उत्तरकाशी के स्वामी ब्रहोन्द्रानन्द तथा 32 संन्यासियों द्वारा प्रस्थानत्रय भाष्य पारायण और दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में देश के लगभग 300 विख्यात वैदिक आर्चकों द्वारा वैदिक रीति पूजन तथा 21 कुंडीय हवन किया जा रहा है। स्टैच्यु ऑफ वननेस का अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि एवं शिला-पूजन दक्षिणाम्नाय श्रृंगेरी शारदापीठ के मार्गदर्शन में होगा।