भोपाल । मप्र के नौ सरकारी मेडिकल कालेजों में मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमडीआरयू) बनेगी। सरकारी मेडिकल कालेजों में शोध को बढ़ावा देने के लिए एक ही जगह पर अनुमति सहित सभी सुविधाएं मिल जाएंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और रीवा में पहले से यह यूनिट संचालित हो रही हैं। बाकी नौ सरकारी मेडिकल कालेजों में भी शुरू करने का प्रस्ताव है। प्रति यूनिट वर्ष में डेढ़ से दो करोड़ रुपये शोध के लिए भारत सरकार से मिलते हैं।मेडिकल कालेजों में शोध शुरू करने में सबड़ी बड़ी दिक्कत बजट की आती है। कालेज की स्वशासी समिति द्वारा प्रति वर्ष के लिए लगभग 25 लाख रुपये तक का प्रविधान किया जाता है, पर यह राशि कम होने के कारण शोध नहीं हो पाते। बजट नहीं होने मेडिकल विद्यार्थियों के लिए शोध में सबसे ज्यादा दिक्कत आती है। अभी मेडिकल कालेजों में शोध के लिए आइसीएमआर या अन्य सरकार संस्थानों से राशि मिलती है। इसमें भी ज्यादातर बड़े शोध के लिए ही राशि मिल पाती है। दूसरी बात यह कि इनसे राशि प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया भी कठिन है।रिसर्च यूनिट शुरू होने से उन्हें भी आसानी से बजट मिल सकेगा। विभिन्न विभागों के फैकल्टी मिलकर भी किसी विषय पर एमडीआरयू के माध्यम से शोध कर सकेंगे।
मप्र के नौ सरकारी मेडिकल कालेजों में बनेगी एमडीआरयू
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