जोधपुर में हुए सिलेंडर ब्लास्ट ने 11 लोगों की जिंदगियां लील ली है। शनिवार सुबह हादसे में झुलसे और तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में 47 लोग जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं। भूंगरा गांव में जब एक साथ अर्थियां जली तो लोगों की रूह कांप गई। उन्होंने ऐसा भयानक हादसा कभी नहीं देखा था।जोधपुर के शेरगढ़ थाने के भूंगरा गांव में हर आंख में मातम पसरा है। गांव में ऐसी वीरानी है, जैसे वहां कभी कोई रहता ही नहीं हो। शुक्रवार को आठ लोगों की मौत हो गई थी। लोग दिनभर अंतिम संस्कार में लगे रहे।

जैसे-तैसे रात कटी। शनिवार सुबह फिर बुरी खबर लेकर आई और सुआ कंवर (60 साल), पूनम (11 साल) और सज्जन कंवर (10 साल) ने भी दम तोड़ दिया। तीनों की हालत गंभीर थी। वे तीनों 80 से 90 प्रतिशत तक झुलस गईं थीं।मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है। सात मासूम की जिंदगियां आग लील गया। इन मौतों के बाद भी 20 से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो पचास फीसदी से ज्यादा झुलसे हुए हैं। दूल्हा सुरेन्द्र सिंह, उसके पिता सगत सिंह और आसपास रहने वाले तीन परिवारों के लोग की हालत गंभीर है। आग की चपेट में आने के कारण दूल्हे सुरेंद्र की शेरवानी उसके शरीर से चिपक गई थी।

जोधपुर के शेरगढ़ थाना के भूंगरा गांव में सगत सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह की शादी गुरुवार को थी। बरात निकलने के लिए तैयार हो रही थी। दूल्हे को भी जल्दी-जल्दी तैयार होने को कहा गया। इसी दौरान पांच सिलेंडर ब्लास्ट हो गए। घर में मौजूद 100 से अधिक लोग चपेट में आ गए। शादी वाले घर में चीख-पुकार मच गई। जिस गाड़ी से बरात जानी थी, लोग बच्चे और झुलसे लेकर उसी गाड़ी में अस्पताल की ओर भागे। 60 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

इस हादसे में दूल्हे सुरेन्द्र सिंह की बहन के दो बच्चे, दूल्हे के दो ताऊ, परिवार की तीन महिलाओं समेत ग्यारह लोगों की मौत हो चुकी है।दूल्हे के घर के पास रहने वाले भी इस आग की चपेट में आए हैं।परिवार के सदस्य खौफनाक मंजर याद करते हुए बताते हैं कि एक के बाद एक धमाके हुए। कुछ समझते इससे पहले ही पूरा घर जलने लगा। लोग जलते हुए बाहर आने लगे। हमने ऐसा दर्दनाक हादसा कभी नहीं देखा।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार सुबह विशेष विमान से जोधपुर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और परिजनो को ढांढस बंधाया। सीएम गहलोत ने डॉक्टरों को घायलों के इलाज के लिए समुचित निर्देश दिए है। सीएम ने मृतक के आश्रितों को चिरंजीवी योजना के तहत 5-5 लाख रुपए और मुख्यमंत्री सहायता कोष से 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की। वहीं घायलों को 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात कही है।