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	आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं से बच्चों पर संभावित दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से इन मुद्दों को ध्यान में रखने और पटाखे जलाने से दूर रहने की अपील की।  उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रकाशपर्व को धुएं के पर्व के रूप में न बदलें। ’’  दिवाली से महज कुछ दिन पहले राजधानी में वायु की गुणवत्ता हवा में तैरते कणों के संदर्भ में और नीचे चली गयी है तथा बेनजीन का स्तर मान्य सीमा से कई गुणा बढ़ गया।
	 
	सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग रिसर्च सेंटर के अधिकारियों ने भी कहा है कि दिवाली में पटाखे जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाएगा। आतिशबाजी से हवा में सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रोजन डॉयऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। इन कणों के बढऩे से अस्थमा, ब्रांकाइटिस, गंभीर श्वसन समस्या और समय पूर्व मौत हो सकती है। 






